नई दिल्ली. देश भर की जेल में लाखों कैदी बंद हैं और वहां पर सुचारू व्यवस्था कायम करने के लिए अब हर साल जिलों की रैंकिंग की जाएगी. यानि जो जेल व्यवस्था के आधार पर बेहतर होगी उसको इतनी ऊंची रैंकिंग मिलेगी. यह बातें डायरेक्टर जनरल ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (BPRD) बालाजी श्रीवास्तव ने देश भर की जेलों से आए वरिष्ठ अधिकारियों के एक सम्मेलन में कही. देश भर की 22 जिलों से 75 वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे.
जेलों की व्यवस्था को सुधारने के लिए और उनका आकलन करने के लिए हर साल यह कार्यक्रम होता है. किस तरीके से जेलों में कैदियों के हालात को सुधारा जाये और जेल की व्यवस्था और ज्यादा बदली जाये इस पर ऐसे कार्यक्रम में मंथन लगातार किया जाता है. इसके अलावा डीजी BPRD का यह भी कहना था कि 50 तरीके के ट्रेनिंग कोर्स जेल में तैनात अलग-अलग स्टाफ के लिए लाए जायेंगे.
इनका मकसद बदलती जरूरत के मुताबिक जेल में जो स्टाफ तैनात है. वह अपने आप को ढाल सकें और आधुनिक ट्रेनिंग ले सके. इस स्टाफ में मॉडल सफाई कर्मचारी, सुरक्षा अधिकारी, डाटा अधिकारी और अन्य तरीके के लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा जेल में बंद कैदियों की क्षमता में सुधार लाई जाये और वह बेहतर जीवन यापन कर सकें. इसके लिए भी लगातार कार्यक्रम देश पर की जेलों में चलाए जायेंगे. देशभर में जेल की व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रिजन कोड लाने की भी बात पर विचार किया जा रहा है.
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी भी पहुंचे
इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने भी शिरकत की. उनका कहना था कि ई प्रिजन के कांसेप्ट में लोगों का समय बचता है. इससे लोगों की दिक्कतें कम होती हैं. इसलिए अब बदलते समय में ज्यादा से ज्यादा इस नई व्यवस्था से लोगों को जुड़े रहने की जरूरत बढ़ गई है. जेल के अंदर ऐसी सुविधाएं होनी चाहिये. जिससे लोगों को जीवन यापन का मौका मिले और उनकी प्रतिभा निखर सके. 25 प्रदेश से 75 वरिष्ठ अधिकारियों ने जो कि जेल से जुड़े हैं.
जेल में रहनेवाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिएजेल सुधार पर आयोजित इस कार्यक्रम में अलग-अलग तरीके के वर्कशॉप इन आला अधिकारियों के लिये चलाये जाएंगे. कुल मिलाकर इसका मकसद यही है कि जेलों की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक पुख्ता केंद्रीय नीति बनी, जिससे जेल में बंद कैदियों की हालत बेहतर हो सके.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
Source link