गाजियाबाद. शहर में सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा (garbage) फेंकने पर लोगों को अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी. नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) शहर में सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एनजीटी (NGT) के आदेश के बाद फैसला लिया है. इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है, साथ ही, सफाई सुपरवाइजर को पहले की तुलना में अधिक सक्रिय रहने का आदेश दिए गए हैं, ताकि लोग इधर-उधर कूड़ा न फेंक सकें.
गाजियाबाद नगर निगम पहले सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फेंकने पर दो हजार रुपये जुर्माना वसूलता था, लेकिन अब 20 हजार रुपये जुर्माना वसूलेगा. एनजीटी के आदेश पर नगर निगम ने जुर्माना बढ़ा दिया है. नगर निगम ने कई वर्ष पहले कूड़ा फेंकने पर जुर्माना वसूलने की पॉलिसी को बनाई थी. एनजीटी के आदेश पर यह पॉलिसी लागू की गई थी. अब नगर निगम ने यह जुर्माना और बढ़ाकर बीस हजार रुपये कर दिया है.
निगम प्रशासन को उम्मीद है कि अब सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकने पर अधिक जुर्माना लिए जाने का फायदा होगा. नए आदेश के बाद लोग सार्वजनिक स्थानों पर कम से कम कूड़ा फेकेंगे. इससे शहर को और साफ बनाने में मदद मिलेगी. बढ़ा हुआ जुर्माना निगम इसी वर्ष से वसूला जाएगा. इसके लिए नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने सभी जोन एरिया में निर्देश जारी कर दिए हैं.
दिल्ली की तर्ज पर ई वेस्ट पॉलिसी
दिल्ली की तर्ज पर नगर निगम गाजियाबाद शहर के लिए ई वेस्ट पॉलिसी बनाने जा रहा है. निगम प्रशासन ने इसके लिए आरएफसी मांगी है. यानी नगर निगम प्रशासन ने एक्सपर्ट कंपनी से इसके लिए प्रस्ताव और सुझाव मांगे हैं. निगम के अधिकारियों का कहना है कि इसे वो जल्दी ही इस संबंध में मसौदा तैयार कर लेंगे. संभावना है कि इस वर्ष ई वेस्ट कलेक्शन शुरू हो सकता है.
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