आशीष त्यागी/बागपत: बकरियों की नस्ल सुधारने, इनमें बीमारियां फैलने से रोकने के लिए जनपद में बकरियों का कृत्रिम गर्भाधान जल्द ही शुरू होने जा रहा है. बता दें कि जनपद बागपत में अभी तक गाय और भैंसों का ही कृत्रिम गर्भाधान कराया जाता था, लेकिन अब बकरियों का भी कत्रिम गर्भाधान कराया जाएगा. कृत्रिम गर्भाधान का फायदा यह होगा कि अच्छी नस्ल और अधिक वजन के बकरे-बकरियां पैदा होंगे और उनमें मांस भी अधिक होगा.
पहली बार जनपद में बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान को लेकर चिकित्सकों की ट्रेनिंग कराई गई है. जल्द ही बकरियों का कृत्रिम गर्भाधान शुरू हो जाएगा. कृत्रिम गर्भाधान का फायदा यह होगा कि अच्छी नस्ल और अधिक वजन के बकरे-बकरियां पैदा होंगे और उनमें मांस भी अधिक होगा. गौरतलब है कि गरीब लोगों के लिए बकरी पालन एक अच्छा व्यवसाय है. कुछ ही वर्षों में बकरी पालन से अच्छी आय हो सकती है.
कृत्रिम गर्भाधान के ये हैं फायदेमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि जनपद बागपत में 10 बकरियों पर एक बकरे का अनुपात है. शासन की तरफ से बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान योजना बनाई गई है. इसके साथ बकरे से बकरियों में फैलने वाले रोगों में भी कमी आएगी. इनमें कई बीमारियां होती हैं, जिनमें मुख्यतः मोनियोसिस, ब्रूसेलोसिस , विब्रियो वल्निकस शामिल हैं. कृत्रिम गर्भाधान से इन बीमारियों से छुटकारा मिलेगा. इसके लिए जनपद में 6 सेंटर चिन्हित किए गए हैं. वहां के एक-एक पशु चिकित्सक को ट्रेनिंग दी गई है.
350 बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्यडॉ. अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि बागपत जनपद में 350 बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य दिया गया है. कृत्रिम गर्भाधान के बाद बकरियां उन्नत नस्ल के बकरे और बकरियां पैदा करेंगी. दूध उत्पादन भी बढ़ेगा और बकरियों में होने वाली बीमारियां भी न के बराबर होगी. इससे बकरी पालकों की आय भी बढ़ेगी.
.Tags: Agriculture, Baghpat news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 29, 2024, 23:09 IST
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