जमीन अतिक्रमण के मामलें नोएडा के डूब क्षेत्र में अधिक है.पहले सस्ते दाम में अवैध जमीन पहले लाखों रुपए लेकर बेच दी जाती है. जब गरीब अपना आशियाना बना लेता है, तो प्रशासन का पीला पंजा उसे तोड़ने आ जाता है.पूजा बताती है कि 63 हजार रूपए मैने स्टांप ड्यूटी दी है. जब सरकार पैसे ले रही थी तो किसी ने क्यों नहीं कहा कि यह जमीन अवैध है?
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