नोएडा-NCR में ग्रेप-4 के बाद भी प्रदूषण पर नहीं है कोई लगाम, मिली-भगत करके धड़ल्ले से चल रहे हैं निर्माण कार्य

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नोएडा: नोएडा एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद ग्रेप-4 यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू कर दिया गया है. इसके बावजूद जिले में प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए दावे और प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदम खोखले नजर आ रहे हैं. शहर के कई गांव, सेक्टर और सोसाइटी में निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी हैं. ये खुल्ले तौर पर नियमों और प्रशासनिक आदेशों की धज्जियां उड़ाना है.

खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषणबीते दिनों नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया था जो “गंभीर” श्रेणी में आता है. हालांकि, अब इसमें मामूली सुधार हुआ है लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक है. ग्रेप-4 लागू होने के साथ प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियमों को और सख्त किया गया है. इन नियमों के तहत धूल और प्रदूषण फैलाने वाले सभी निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से पाबंदी है. इसके बावजूद नोएडा के भंगेल, बरौला और छलेरा सहित अन्य कई गांव और सेक्टर 107 और सेक्टर 110 जैसे इलाकों में निर्माण कार्य जारी है.

नियमों का उल्लंघन और प्रशासन की विफलताग्रेप-4 के तहत सड़क निर्माण, ड्रिलिंग, बोरिंग, खुदाई और स्टोन क्रशर जैसे कार्यों पर सख्त प्रतिबंध है. इसके अलावा कच्ची सड़कों पर वाहन आवागमन और निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर भी रोक लगाई गई है. शहर के विभिन्न हिस्सों में इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्राधिकरण के दावों के विपरीत हमारी पड़ताल में कई स्थानों पर प्रतिबंधित गतिविधियां जारी पायी गईं.

प्राधिकरण के अनुसार, धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है और अलग-अलग क्षेत्रों में टीमें जांच कर रही हैं. इन प्रयासों का प्रभाव जमीनी स्तर पर न के बराबर नजर आ रहा है.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमप्रदूषण को रोकने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अधिकारियों को सड़कों पर नियमित पानी छिड़काव के लिए निर्देश दिया है. निर्माण कार्यों पर नजर रखने और नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्राधिकरण की टीमें सक्रिय हैं. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है. बाबजूद इसके निर्माण कार्य कराने वाले मिली भगत से धड़ल्ले से निर्माण करा रहे हैं.

जमीनी स्तर पर दावे खोखलेआपको बता दें कि नोएडा में बढ़ता प्रदूषण न केवल प्रशासन के लिए एक चुनौती है बल्कि यहां के निवासियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रहा है. ग्रेप-4 के तहत जारी प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन कराना और जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई करना दोनों में जमीन आसमान का अंतर दिखता नजर आ रहा है.
Tags: Local18, Noida newsFIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 23:13 IST

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