प्रयागराज. यूपी की योगी सरकार के नजूल कानून को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। नजूल कानून को लेकर चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. विधानसभा के सदन में ही बीजेपी के कई विधायकों और सहयोगी दलों के नेताओं ने नजूल एक्ट पर की कुछ शर्तों पर ऐतराज जताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ संगम नगरी प्रयागराज में हजारों की संख्या में लोग इस कानून को लेकर किसी बड़े खतरे की आशंका से डरे हुए हैं.
लोगों को इस बात की आशंका सता रही है कि बिल लाने के बाद योगी सरकार आने वाले दिनों में उनके आशियाने भी छीन सकती है, उन्हें घर से बेदखल कर सकती है या फिर उनके सिर छिपाने की छत पर बुल्डोजर चल सकता है.
1 तिहाई नजूल भूमि पर बसा है प्रयागराजसंगम नगरी प्रयागराज की बात की जाए तो तकरीबन एक तिहाई शहर नजूल लैंड पर बसा हुआ है. यहां अकेले शहरी इलाके में करीब एक लाख मकान नजूल की जमीनों पर बने हुए हैं. इन एक लाख घरों में तकरीबन पांच लाख लोग अपनी जिंदगी गुजारते हैं. यही वजह है कि प्रयागराज से निर्वाचित बीजेपी के ही दो विधायकों ने सदन में चर्चा के दौरान इस बिल को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी.
अकेले शहरी इलाके में करीब एक लाख मकान नजूल की जमीनों पर बने हुए हैं.
प्रयागराज का लूकरगंज इलाका भी ज्यादातर नजूल लैंड पर ही बसा हुआ है. यहां ज्यादातर मिडिल क्लास परिवार के लोग रहते हैं. अकेले लूकरगंज इलाके में लगभग तीन हजार मकान है. इस इलाके में रहने वाले लोग पिछले दो दिनों से बेचैन है. किसी के घर चूल्हा नहीं जला है तो कोई फिक्रमंद होकर बीमार हो गया है. किसी ने उधार लेकर यहां सपनों का आशियाना बनाया था तो किसी ने परिवार की महिलाओं के गहने गिरवी रखकर सिर छिपाने की जगह पाई थी.
घरों से बेदखल का सता रहा डरलूकरगंज के साथ ही समूचे प्रयागराज शहर के लोगों को अब यह डर सता रहा है कि योगी सरकार उन्हें कभी भी उनके घरों से बेदखल कर सकती है. उन्हें अवैध घोषित किया जा सकता है. घरों पर बुलडोजर चलाया जा सकता है. उन्हें घर खाली करने के लिए कहा जा सकता है. इनमें 90 फीसदी से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्होंने किसी लीज होल्डर को पैसे देकर जमीन या मकान खरीदा है.
ऐसे लोगों को तो अब सरकार से किसी राहत की उम्मीद भी नहीं है. यही वजह है कि प्रयागराज में नजूल लैंड पर मकान बनाकर रहने वालों की नींद उड़ गई है. लोगों को डरावने सपने आ रहे हैं. उनकी दलील है कि योगी सरकार ने अभी भले ही कोई फैसला ना लिया हो, लेकिन सरकार द्वारा बनाए गए कानून को लेकर उनमें डर समा गया है. लोग यह सवाल कर रहे हैं कि अगर सरकार की नियत में खोट नहीं है तो उसे इस तरह के बिल लाने की जरूरत ही क्या थी?
संगम नगरी प्रयागराज की बात की जाए तो तकरीबन एक तिहाई शहर नजूल लैंड पर बसा हुआ है.
सीएम योगी से लगाई मदद की गुहारसंगम नगरी प्रयागराज के लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि उन्हें उनके घरों से कभी भी बेदखल ना किया जाए. नजूल लैंड पर बने मकानों को टैक्स और फाइन लेकर वैध कर दिया जाए और यहां रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दे दिया जाए. प्रयागराज के लोगों का कहना है कि मोदी और योगी की सरकारों ने गरीब से गरीब लोगों को भी सिर छुपाने के लिए घर मुहैया कराए जाने का वादा किया था, लेकिन नजूल एक्ट उनके ही वादों का माखौल उड़ाने वाला है. प्रयागराज के बाशिंदों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अपने इस फैसले पर फिर से विचार किए जाने और जरूरतमंद लोगों को राहत दिए जाने की गुहार लगाई है. लूकरगंज के पार्षद रोचक दरबारी का कहना है कि वह भी सरकार से मांग करेंगे की नजूल कानून में बदलाव लाया जाए.
Tags: CM Yogi, Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 20:09 IST