नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजों को यहां स्ट्रेंड्जा मेमोरियल में मुश्किल ड्रॉ मिला है, लेकिन निकहत जरीन टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत सीधे क्वार्टर फाइनल से करेंगी. सुमित और अंजलि तुशीर को पहले दौर के अपने मुकाबलों में कड़े प्रतिद्वंद्वियों से भिड़ना है.
इस खिलाड़ी को मिला बाई
वर्ष 2019 के टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत जरीन को 52 किग्रा वर्ग के पहले दौर में बाई मिला है.जरीन के अलावा नंदिनी (+81 किग्रा) एक अन्य भारतीय मुक्केबाज हैं जो सीधे अंतिम आठ के मुकाबले से अपना अभियान शुरू करेंगी. अंजलि को 66 किग्रा वर्ग में दो बार की वर्ल्ड चैंपयिनशिप की पदक विजेता रूस की सादत डेल्गातोवा से कड़ी चुनौती मिलेगी.
इन मुक्केबाजों से बड़ी उम्मीदें
पुरुष मुक्केबाजों में आकाश कुमार को 67 किग्रा वर्ग के पहले दौर में बाई मिली है, जबकि सुमित (75 किग्रा) अपने अभियान की शुरुआत रविवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता रूस के झामबुलात बिझामोव के खिलाफ करेंगे.भारत की 17 सदस्यीय टीम में सात पुरुष और 10 महिला मुक्केबाजों को शामिल किया गया है. यह पहला गोल्डन बेल्ट सीरीज टूर्नामेंट है और इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ के वर्ल्ड मुक्केबाजी टूर प्रारूप की परीक्षण प्रतियोगिता भी है.
मुक्केबाजों के लिए साल का पहला टूर्नामेंट
वरिंदर सिंह (60 किग्रा) रविवार को भारतीय चुनौती की शुरुआत रूस के आर्तुर सुभखानकुलोव के खिलाफ करेंगे. सुमित, लक्ष्य चाहर (86 किग्रा) और नरेंदर बेरवाल (+92 किग्रा) भी पहले दिन रिंग में उतरेंगे. साल 1950 में पहली बार आयोजित यूरोप का यह सबसे पुराना मुक्केबाजी इंटरनेशनल टूर्नामेंट 27 फरवरी तक चलेगा. टूर्नामेंट में 36 देश के 450 से अधिक मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें कजाखस्तान, इटली, रूस और फ्रांस के मुक्केबाज भी शामिल हैं. यह इस साल भारतीय मुक्केबाजों के लिए पहला टूर्नामेंट है. पिछले सत्र में भारत ने दीपक कुमार के रजत और नवीन बूरा के कांस्य पदक के रूप में दो पदक जीते.
(इनपुट: भाषा)