नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पहले के कई अध्ययनों से पता चला है कि इन नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में पेट व कमर संबंधी समस्याएं और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियां शामिल हैं. हाल ही में एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को अधेड़ उम्र में याददाश्त से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. इसका मतलब है कि इन लोगों की याददाश्त कम हो जाती है.
डेलीमेल की एक खबर के अनुसार, एक अध्ययन में पाया गया कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले 79% लोगों को अधेड़ उम्र में याददाश्त से संबंधित समस्याएं हो गईं. इससे पहले के अध्ययनों से पता चला था कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बाद काम करने वाले लोगों की सेहत भी प्रभावित होता है, लेकिन याददाश्त से संबंधित समस्याएं पहली बार सामने आई हैं. इस अध्ययन में 47,811 लोगों को शामिल किया गया, जिन्होंने कभी न कभी नाइट शिफ्ट में काम किया था. उन्हें कॉग्निटिव फंक्शन टेस्ट दिया गया. अध्ययन में पाया गया कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों ने इन कार्यों को करने में अधिक कठिनाई का अनुभव किया, जो याददाश्त की समस्याओं का संकेत हो सकता है.दिल के जुड़ी बीमारी का खतराकनाडा की यॉर्क यूनिवर्सिटी की एक टीम ने हाल ही में एक अध्ययन किया, जिसे प्लॉस वन जर्नल में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन के अनुसार, जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, उन्हें आगे चलकर कॉग्निटिव फंक्शन में परेशानी हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नाइट शिफ्ट में काम करने से शरीर की सर्कैडियन लय बिगड़ जाती है, जो न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का कारण बन सकती है.