शाहजहांपुर: शरदकालीन गन्ने की बुवाई जो किसान समय से नहीं कर पाए हैं. वह अब सामान्य विधि को छोड़कर गन्ने की आधुनिक विधि सिंगल बड़ विधि से बुवाई कर सकते हैं. ऐसा करने से गन्ने का जमाव अच्छा होगा. किसान कम बीज और कम लागत में अधिक क्षेत्रफल में गन्ने की फसल उगा सकते हैं. खास बात यह है कि इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से बीज गुणन भी तेजी से होता है.
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि शरदकालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक का समय उपयुक्त माना जाता है, लेकिन जो किसान समय से गन्ने की फसल की बुवाई नहीं कर पाए हैं, वह अब सामान्य विधि से गन्ने की बुवाई बिल्कुल भी ना करें. वह आधुनिक विधि सिंगल बड़ विधि से गन्ने की बुवाई करें. किसान पहले से तैयार की गई गन्ने की पौध को खेत में रोपाई कर सिंचाई कर दें. इस विधि से किसानों को सामान्य विधि के मुकाबले ज्यादा उत्पादन मिलता है.
आधे बीज में कई गुना उत्पादनडॉ. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि सिंगल बड़ विधि से कम बीज में ज्यादा क्षेत्रफल की बुवाई की जा सकती है. सामान्य विधि से जहां 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है, वहीं इस विधि से गन्ने की बुवाई करने पर 20 से 22 क्विंटल बीज की ही आवश्यकता होती है. खास बात यह है कि गन्ने की एक आंख से 100 आंख तैयार होती है. नई किस्म के बीज को तेजी से बढ़ाने के लिए यह विधि बेहद ही कारगर है. जबकि सामान्य विधि से महज 10 गुना बीज गुणक को होता है.
इन बातों का रखें ध्यानडॉ. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि सिंगल बड़ विधि से गन्ने की बुवाई करने के लिए खेत की गहरी जुताई करने के बाद रोटावेटर से खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना कर 3 फीट की दूरी पर कूड बना लें. उसके बाद पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फीट रखते हुए पहले से तैयार की गई सिंगल बड़ नर्सरी के पौधों को लगा दें. पौधे लगाने के तुरंत सिंचाई कर दें. इस विधि से 90% पौधे गन्ने में तब्दील हो जाते हैं, जिससे किसानों को ज्यादा उत्पादन मिलता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 15:01 IST