स्टेम सेल्स स्ट्रोक से बचे लोगों की ब्रेन की रिकवरी में मदद कर सकते हैं. इस बात को एक शोध में उजागर किया गया है. स्ट्रोक के सबसे सामान्य प्रकार, इस्केमिक स्ट्रोक, के बाद कई मरीज लंबे समय तक कमजोरी, मिर्गी और अन्य समस्याओं से जूझते हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह थेरेपी मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से में सुधार ला सकती है और मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है. यह शोध स्टेम सेल थेरेपी की क्षमता को साबित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
स्टेम सेल थेरेपी का महत्व
ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस स्टडी में यह पाया कि स्टेम सेल से प्राप्त कोशिकाएं ब्रेन की गतिविधि के सामान्य पैटर्न को बहाल करने में सक्षम हो सकती हैं. अधिकांश उपचार केवल स्ट्रोक के तुरंत बाद ही प्रभावी होते हैं, लेकिन इस नए शोध में चूहों पर किए गए प्रयोगों में एक महीने बाद भी सुधार देखने को मिला. इस अध्ययन को मॉलिक्यूलर थेरेपी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
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शोध की प्रक्रिया और परिणाम
जीन पॉज के नेतृत्व में एक टीम ने इस शोध के तहत चूहों के मस्तिष्क में एक महीने बाद स्टेम कोशिकाओं को इंजेक्ट किया. इस प्रक्रिया के दौरान मस्तिष्क की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया गया, और व्यक्तिगत कोशिकाओं एवं अणुओं का विश्लेषण भी किया गया. शोध के परिणामों में यह पाया गया कि स्टेम सेल थेरेपी ने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार किया और मस्तिष्क के मरम्मत में आवश्यक प्रोटीन और कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि की.
इलाज की संभावनाएं
यह अध्ययन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भविष्य में स्ट्रोक और ब्रेन इंजरी के इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी को एक प्रभावी उपचार के रूप में देखा जा सकता है. हालांकि, अभी यह प्रयोग चूहों पर किया गया है, लेकिन यह क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण की ओर बढ़ने की ओर एक अच्छा संकेत है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस उपचार के जरिये स्ट्रोक से प्रभावित लोगों को बेहतर रिकवरी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार मिल सकता है.
एजेंसी
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