कैंसर का नाम सुनते ही हर कोई सहम जाता है. लंबे इलाज, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और दर्दनाक सर्जरी की सोच से ही मरीज और उनके परिजन घबरा जाते हैं. लेकिन हाल ही में एक नई दवा ने इस डर को उम्मीद में बदलने का काम किया है. इस दवा का नाम है डोस्टारलिमैब (Dostarlimab), जिसने कैंसर की दुनिया में नई क्रांति का संकेत दिया है.
डोस्टारलिमैब एक इम्यूनोथेरेपी दवा है जो शरीर की इम्यूनिटी को इतना मजबूत बनाती है कि वह खुद कैंसर सेल्स से लड़ सके. न्यू इंग्लैंड जरनल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि 103 कैंसर मरीजों को डोस्टारलिमैब दी गई, जिनमें से 82 मरीजों में ट्यूमर इतना सिकुड़ गया कि सर्जरी की जरूरत ही नहीं पड़ी. इतना ही नहीं, एक अन्य ग्रुप में 49 रेक्टल कैंसर मरीजों को लगातार 6 महीने तक यह दवा दी गई और उनमें से हर एक मरीज के ट्यूमर पूरी तरह से गायब हो गए.
तो क्या यह सबके लिए काम करेगा?यहां एक जरूरी बात जानना बेहद जरूरी है कि ये सभी मरीज मिसमैच रिपेयर की कमी (MMRd) नामक जेनेटिक गड़बड़ी से ग्रस्त थे. यह गड़बड़ी शरीर की डीएनए मरम्मत प्रणाली में होती है और इससे कैंसर सेल्स इम्यूनोथेरेपी के लिए ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं. यानी डोस्टारलिमैब का जादू फिलहाल उन्हीं मरीजों पर काम करता है जिनके ट्यूमर में यह विशेष दोष पाया जाता है.
उम्मीद की कहानियां71 वर्षीय मौरिन सिडेरिस को जब पेट और इसोफैगस के जंक्शन पर कैंसर हुआ, तो डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी थी, जिससे उनका बोलना, खाना और आराम करना सब कुछ प्रभावित होता. लेकिन डोस्टारलिमैब के नौ महीने के इलाज से उनका ट्यूमर गायब हो गया. उन्हें अब सर्जरी की जरूरत नहीं रही.
अभी अंत नहीं, पर शुरुआत जरूर हैएक्सपर्ट मानते हैं कि यह एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन अभी और रिसर्च की जरूरत है. यह स्टडी सिर्फ एक ही मेडिकल सेंटर में हुई है और मरीजों की लंबी अवधि की निगरानी बाकी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.