NEET Story: बचपन में देखा डॉक्टर बनने का सपना, पहली बार में क्रैक किया NEET, अब यहां से कर रही हैं MBBS

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NEET Story: बचपन में देखा डॉक्टर बनने का सपना, पहली बार में क्रैक किया NEET, अब यहां से कर रही हैं MBBS

NEET Success Story: कहते हैं न कि अगर सपना देखते हो, तो उसे पूरा करने के लिए पूरी तरह लग जाना चाहिए. तभी आपका वह सपना सच हो पाएगा. ऐसे सपना डॉक्टर बनने का 18 वर्षीय एक लड़की ने देखा था, जिसे पूरा करने के लिए वह बचपन से ही लग गई थी. आखिरकार उनकी लगन और मेहनत काम आई. वह नीट यूजी 2024 की परीक्षा को पास करने में सफल रही. उन्हें नीट यूजी की परीक्षा में 690 अंक मिले. इनका नाम तनिष्का (Tanishka) है.

NIOS से की 10वीं, 12वीं की पढ़ाईनीट यूजी में सफलता हासिल करने वाली 18 वर्षीय तनिष्का (Tanishka) हरिद्वार की रहने वाली हैं. उन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा NIOS बोर्ड से पूरी की हैं. उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET-UG) अपने पहले प्रयास में ही पास करने में सफल रहीं. उन्होंने इस परीक्षा में 690 अंक प्राप्त किए हैं. डॉक्टर बनने का सपना लेकर आगे बढ़ने वाली तनिष्का ने इस सफलता का श्रेय अपनी मेहनत और माता-पिता के अटूट समर्थन को दिया है.

यहां से कर रही हैं MBBS18 वर्षीय तनिष्का (Tanishka) ग्रेटर नोएडा के सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS) से MBBS की पढ़ाई कर रही हैं. वह बताती हैं कि जब भी उन्हें परीक्षा के दबाव या कोचिंग टेस्ट में कम अंक मिलने पर निराशा होती थी, तो वह खुद को सफेद कोट में डॉक्टर के रूप में देखती थी. यही विचार उन्हें आगे बढ़ने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता था. हरिद्वार में डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली तनिष्का ने अपनी तैयारी को मजबूती देने के लिए कोटा एक इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था.

ऐसे थी पढ़ाई की स्ट्रैटजीतनिष्का (Tanishka) ने अपनी पढ़ाई को लेकर बताती हैं कि उनकी सुबह कोचिंग क्लास से शुरू होती थी. इसके बाद वह आराम कर दिन में पढ़ाए गए विषयों का तीन से चार घंटे रिवीजन करती थी. इसके बाद वह अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए प्रैक्टिस और मॉड्यूल को हल करती थी. इन सबके बाद पिछले साल के प्रश्न पत्र और विषयों का पुनरावलोकन करती थी.

प्रश्न हल करने की टेक्निकपढ़ाई को आसान और व्यवस्थित बनाने के लिए तनिष्का (Tanishka) ने याद रखने में सहायक होने के लिए छोटे नोट्स बनाती थीं. इन नोट्स से उन्हें बेहतर रिवीजन करने और लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती थी. तनिष्का ने प्रश्न हल करने की अपनी अनूठी रणनीति साझा की. वह परीक्षा को दो राउंड में हल करती थी. पहले राउंड में वह आसान और पक्के सवालों को हल करती थी. दूसरे राउंड में कठिन और उच्च-स्तरीय सोच वाले प्रश्नों को हल करती थी. ऐसे में वह समय पर पेपर खत्म कर लेती थी.

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Tags: Government Medical College, NEET, Neet exam, Success StoryFIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 13:01 IST

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