नए राम मंदिर में इस स्थान पर रोज होती है पूजा-आरती, जानें क्या है रामलला से नाता?

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नए राम मंदिर में इस स्थान पर रोज होती है पूजा-आरती, जानें क्या है रामलला से नाता?



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. अयोध्या में प्रभु श्री राम का दिव्य और भव्य मंदिर बन रहा है. 22 जनवरी 2024 को भगवान राम अपने दिव्य और भव्य महल में विराजमान हो जाएंगे . लेकिन क्या आप जानते हैं किस जगह पर प्रभु राम विराजमान होंगे? तो चलिए इस रिपोर्ट में आज हम बात करेंगे उस जगह की जहां प्रभु श्री राम विराजमान होंगे.श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थित रामलला के गर्भ गृह का स्थान है. इसी जगह पर 23 दिसंबर 1949 को रामलला की मूर्ति प्रकट हुई थी. हालांकि मंदिर-मस्जिद के विवाद के बाद इस स्थान को बंद कर ताला लगा दिया गया था और मुकदमा अदालत में पहुंच गया था. लेकिन 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को ध्वस्त कर बांस बल्लियों से बनाए अस्थाई मंदिर में तिरपाल के नीचे रामलला का पूजन अर्चन शुरू हुआ था. अलग-अलग अदालतों में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अपना फैसला सुनाया. इसी के बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी स्थान पर भूमि पूजन किया और अनुष्ठान के बाद यज्ञ कुंड की मिट्टी को अपने माथे से लगाया था.मूर्ति नहीं है फिर भी प्रतिदिन होती है पूजासमय बदला वक्त बदला और आज तस्वीर और कुछ बयां कर रही है. 15 जनवरी से 22 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर इसी स्थान पर पूजन अर्चन करते हैं आपको दिखाई देंगे. श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के समय इस गर्भ गृह में मौजूदा समय में केवल एक स्तंभ है. जिस पर रामलला की पताका लगी हुई है. मंदिर निर्माण के समय जब रामलला की मूर्ति अस्थाई मंदिर में शिफ्ट की गई और वहीं पूजन अर्चन शुरू हुआ. रामलला की मूर्ति तो अस्थाई मंदिर में शिफ्ट हो गई लेकिन उस स्थान पर एक पताका स्तंभ लगा दिया गया. उस स्थान पर रामलला की मूर्ति हटने के बाद भी मंदिर के पुजारी प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा पाठ करते हैं. आरती करते हैं और भगवान का भोग भी लगाते हैं. यह बात अलग है कि भक्त नहीं होते क्योंकि मंदिर निर्माण के कारण रामलला के भक्त अस्थाई मंदिर में उनका दर्शन पाते हैं.पूजा के समय नहीं होता भक्तश्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं गर्भ गृह पर पूजा बहुत पहले से होती है. पहले रामलला जब तिरपाल में थे. तब भी वहां पर पूजा होती इसके बाद जब राम लला अस्थाई मंदिर में विराजमान हुए. उसके बाद वहां पर मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो उस जगह को चिन्हित कर दिया गया. जिसके बाद प्रतिदिन वहां मंत्रोच्चार के साथ आरती पूजा उस स्थान की होती है. पुजारी प्रतिदिन उस गर्भ गृह की आरती उतारते हैं, जहां भगवान राम का जन्म हुआ..FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 18:30 IST



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