अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी: नवरात्र के नौ दिनों में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है.नवरात्र के सात दिन बीत चुके हैं और आठवें दिन देवी के आठवें स्वरूप यानी महागौरी के पूजन का विधान है. देवी का यह स्वरूप शक्ति, सौंदर्य, ऐश्वर्य के प्रतीक हैं. आठवें दिन देवी की पूजा कैसे करें? पूजा के दौरान किन चीजों का भोग लगाएं? कौन से पुष्प देवी को चढ़ाएं. आइये जानते हैं इसके बारे में काशी के ज्योतिषाचार्य से पूजा की पूरी विधि.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि देवी का वर्ण गौर है. इसलिए इनकी पूजा के दौरान हमें सफेद चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए. इस दिन पूजा में लाल नहीं बल्कि सफेद गुड़हल, कुंद, बेला जैसे फूलों का प्रयोग करना चाहिए. इसके अलावा उन्हें सफेद वस्त्र और भोग में सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाना चाहिए.
कन्या पूजन का भी विशेष लाभ
इन सब के अलावा महागौरी देवी कन्या स्वरूप में है. इसलिए इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन यदि 5 साल तक कि कन्याओं की पूजा की जाए तो उससे भी देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि देवी के पूजन से धन, धान्य, ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
ऐसा है देवी का स्वरूप
पुराणों के अनुसार माता महागौरी की चार भुजाएं है.जिसमें दो भुजाओं में त्रिशूल और डमरू है.जबकि दो अन्य भुजाएं वर मुद्रा और अभयमुद्रा में है.देवी का यह स्वरूप अत्यधिक सौम्य और शांत है और इनका वस्त्र श्वेत यानी सफेद है.बताते चलें कि देवी ने भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी.
यह है देवी का मंत्र
नवरात्रि के आठवें दिन देवी की आराधना के दौरान,’या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’ मंत्र का जप करना चाहिए.इसके अलावा आप ‘ॐ महागौर्ये नमः’ मंत्र का भी 108 बार जप कर सकतें है.
Tags: Hindi news, Local18, Navratri festival, Religion 18FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 08:22 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.