Navratri 2023: कागज के स्पेशल वेस्ट से बनी मां दुर्गा की मूर्तियां, रावण की प्रतिमा भी तैयार, इतनी है कमत

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Navratri 2023: कागज के स्पेशल वेस्ट से बनी मां दुर्गा की मूर्तियां, रावण की प्रतिमा भी तैयार, इतनी है कमत



हरिकांत शर्मा/आगरा. आगरा में बड़े पैमाने पर वेस्ट कागज से शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, जो पूरी तरीके से इको फ्रेंडली तो है. साथ ही ये मूर्ति वातावरण को भी कोई नुकसान नहीं पंहुचाती. अब तक बाजारों में POP यानी की प्लास्टिक और पेरिस से बनी मूर्तियों का बोलबाला था, जो पानी में विसर्जन के दौरान डिसोल्व नहीं होती थी. लेकिन अब घटिया आजमखां छिली रोड के मूर्ति कलाकार वेस्ट पेपर से मां दुर्गा सरस्वती और रावण की मूर्तियां बना रहे हैं और कीमत भी बजट में है. लोग बड़ी तादात में मूर्तियों को खरीद रहे हैं.

मूर्ति कारीगर पदम चंद बताते हैं कि उनका यह खानदानी बिजनेस है. पहले उनके दादा मूर्तियां बनाते थे अब वह बनाते हैं. पहले घास से मूर्ति बनती थी. लेकिन धीरे-धीरे समय बदला और POP से मूर्तियां बनने लगी जो के पर्यावरण के लिए बेहद खराब मानी जाती हैं. किसी भी त्यौहार के बाद मूर्तियों को जब विसर्जित किया जाता है तो वह तालाबों और नदियों में आसानी से नहीं घुलती है. हम पेपर मिल, फैक्ट्री से कागज लाते हैं और उस बेस्ट कागज से मूर्तियोंका स्ट्रक्चर तैयार की जाता है. नाम के लिए इसमें मिट्टी इस्तेमाल होती है. मिट्टी से हम हाथ और चेहरा बनाते हैं. बाकी सब बेस्ट कागज से तैयार किया जाता है.

कागज से बनी मूर्तियों की डिमांडमूर्ति कारीगर पदमचंद बताते हैं कि कागज से बनी मूर्तियों के डिमांड तेजी से बढ़ रही है. यह वजन में बेहद हल्की होती है और लाने ले जाने में बेहद आसानी होती है. लोग अब प्लास्टिक ऑफ पेरिस यानी कि POP की बनी मूर्तियों को बेहद कम पसंद कर रहे हैं. वह मूर्तियां महंगी भी होती हैं. कागज से बनी मूर्तियां लोगों के बजट में भी है. ढाई फीट माता की मूर्तियां 1200 रूपए, साढे चार फुट का रावण भी 1200 रूपए का है. लोग अब इन मूर्तियों को पसंद कर रहे हैं.

इस तरह तैयार होती है मूर्तियांमूर्ति कारीगर पदमचंद बताते हैं की सबसे पहले वह फैक्ट्री, प्रेस मिल से वेस्ट कागज लाते हैं. गोंद और लेही की सहायता से बांस की खपच्चियों से मूर्तियों का स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है और फिर उसे कागज की सहायता से ढक दिया जाता है. कागज के ऊपर कागज चिपका कर मूर्तियों को स्वरूप दिया जाता है. बाद में मिट्टी के बने हाथ पैर और चेहरा मूर्ति पर लगाकर डेकोरेशन की जाती है. 4 फुट की एक मूर्ति को बनाने मैं लगभग 5 दिन लगते हैं.
.Tags: Agra news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 14, 2023, 16:25 IST



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