Last Updated:April 13, 2025, 19:36 ISTGhazipur Dadri Ghat News: यूपी में गाजीपुर के ददरी घाट के रहने वाले मंगरू की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 50 सालों से नाव चला रहे मंगरू अपनी नाव को ही घर मानते हैं. वह नाव पर ही खाते-पीते और सोते है…और पढ़ेंX
नाव ही घर, नाव ही ज़िंदगी! गाजीपुर के मंगरू की कहानी सुनकर आप भी कहेंगे वाह!हाइलाइट्समंगरू की नाव ही उनका घर और रसोई है.अफसरों के लिए पिकनिक स्पॉट बनी मंगरू की नाव.5 लाख की नाव मंगरू की जिंदगी का अहम हिस्सा है.गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर के ददरी घाट पर रहने वाले मंगरू नाविक की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 50 साल से नाव चला रहे मंगरू न केवल अपनी नाव को घर मानते हैं, बल्कि वहीं खाते-पीते और सोते भी हैं. उनका दावा है कि जब से उन्होंने होश संभाला है. तब से आज तक घर में कभी चैन की नींद नहीं आई. नींद तो बस नाव पर ही आती है.
नाव बनी अफसर के लिए पिकनिक स्पॉट
नाविक मंगरू ने बताया कि उनकी नाव पर अक्सर बड़े-बड़े अफसर आते हैं. कोई सामान लेकर आता है, तो कोई उनके लिए पार्टी का इंतज़ाम कर देता है. बाटी-चोखा, साग-सत्तू से लेकर घाट किनारे वाली असली देसी मेहमानी उनकी पहचान बन गई है. मंगरू ने मुस्कुराते हुए कहा कि आप समान ला दो, बाकी नाव को पिकनिक स्पॉट हम बना देंगे. वहीं, पार्टी के बाद थक गए हों, तो यहीं नाव पर सो भी सकते हैं.
5 लाख की नाव संभालने की जिम्मेदारी
मंगरू की 5 लाख की नाव सिर्फ उनकी रोजी-रोटी का साधन नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी है. घाट के किनारे वे खुद ही उसकी मरम्मत करते हैं. मंगरू बताते हैं कि जैसे नानी का धन होता है, उसी तरह ये पानी उनका धन है.
घाट पर बीत रही है जिंदगी
मंगरू ने बताया कि एक वक्त ऐसा भी आया था. जब तीन साल तक उन्होंने रेत पर ही सोकर गुजारा किया. उन्हें कोई खाना दे देता तो ठीक, नहीं तो जो मिल गया उसी से काम चला लिया करते थे. उनका जीवन घाट किनारे की कई अनकही कहानियों का गवाह है.
उनकी नाव घाट पर हमेशा रहती है तैयार
आज भी मंगरू की नाव किसी को डूबने से बचाने के लिए तैयार खड़ी रहती है. घाट पर उनकी मौजूदगी एक भरोसे की तरह है. यह न केवल अफसरों के लिए, बल्कि उन अनगिनत लोगों के लिए भी है, जिनके पास सिर छुपाने की जगह नहीं होती है.
Location :Ghazipur,Uttar PradeshFirst Published :April 13, 2025, 19:35 ISThomeuttar-pradesh50 साल से नाव ही घर नाव ही रसोई, बेघरों का घर बना मंगरू का ये ठिकाना