(ममता त्रिपाठी)लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इस वक्त सियासी गलियारों में मिशन आजम के चर्चे हर एक की जबान पर हैं. हर एक सियासी दल खुद को आजम खान का हितैषी दिखाने की होड़ में लगा है. आजम खान सपा के कद्दावार मुस्लिम नेता हैं.आजम खान ने सपा के सिम्बल पर ही जेल से विधानसभा का चुनाव भी जीता. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार बनेगी तो वो जेल से बाहर निकलेगें. इसलिए विधानसभा चुनाव तक सबकुछ ठीक था मगर सपा की सरकार न बनने के बाद अचानक से ही आजम खान ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी और उसमें साथ दिया प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने, जो चुनाव के दौरान भतीजे अखिलेश को मुख्यमंत्री बना रहे थे. मगर हार के बाद से ही पानी पी पी कर कोस रहे हैं.खास बात ये है कि आजम खान और शिवपाल यादव खांटी समाजवादी जमीनी नेता हैं मगर समय के साथ सोशल मीडिया के जरिए अपनी राजनीति करते दिख रहे हैं. शिवपाल अपने ट्वीटर हैंडल से अखिलेश पर तंज कसते हैं तो आजम खान के विधायक पुत्र अब्दुल्ला भी ट्वीटर के ही जरिए शायराना अंदाज में समाजवादी पार्टी से नाराजगी को जाहिर कर रहे हैं. मीठी ईद के मौके पर भी ये कड़वाहट जाहिर हुई.मुस्लिम वोट बैंक पर नज़रसभी राजनीतिक दल मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी करने को आतुर हैं उसकी बड़ी वजह भी है. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी लगभग बीस करोड़ के आसपास है और लगभग 141 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम वोट 19 प्रतिशत के आसपास है. यही वजह है कि भाजपा के अलावा हर सियासी दल इस बड़े वोट बैंक को अपनी तरफ करना चाहता है ताकि उसकी चुनावी नैया आराम से पार हो सके. रामपुर में 51 प्रतिशत मुस्लिम आबादी प्रदेश में जिस तरह से मिशन आजम चल रहा है उसके पीछे भी यही वजह है ताकि आजम के जरिए मुसलमानों का रहनुमा बना जा सके. गौरतलब है कि आजम खान जिस इलाके से आते हैं वो प्रदेश का सबसे बड़ा मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. रामपुर में 51 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जबकि मुरादाबाद और बिजनौर में 47 और 43 प्रतिशत. आंकड़ो की बात करें तो प्रदेश में 71 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 32 फीसदी के करीब है. रामपुर में 51 प्रतिशत मुस्लिम आबादी आगे पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : May 05, 2022, 12:50 IST
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