मुस्लिम खिलाड़ी ने भारत की स्टार वैशाली से नहीं मिलाया हाथ, मजहब आया आड़े! बाद में मांगनी पड़ी माफी| Hindi News

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मुस्लिम खिलाड़ी ने भारत की स्टार वैशाली से नहीं मिलाया हाथ, मजहब आया आड़े! बाद में मांगनी पड़ी माफी| Hindi News



उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने भारतीय ग्रैंडमास्टर आर वैशाली के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. इस घटना के बाद टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में विवाद खड़ा हो गया. उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी नोदिरबेक याकुबोएव ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका अनादर करने का कोई इरादा नहीं था और उन्होंने ‘धार्मिक कारणों’ से ऐसा किया. एक वीडियो में वैशाली को याकुबोएव के खिलाफ चौथे दौर की बाजी की शुरुआत से पहले अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, लेकिन उज्बेकिस्तान का खिलाड़ी बिना हाथ मिलाए बैठ गया जिससे भारतीय खिलाड़ी असहज नजर आई.
मुस्लिम खिलाड़ी ने नहीं मिलाया हाथ
2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले 23 वर्षीय याकुबोएव बाजी हार गए और चैलेंजर्स वर्ग में आठ दौर के बाद उनके तीन अंक हैं. इस छोटे वीडियो के वायरल होने के बाद याकुबोएव ने ‘एक्स’ पर एक लंबी प्रतिक्रिया पोस्ट की जिसमें उन्होंने कहा कि वैशाली और उनके छोटे भाई आर प्रज्ञानानंदा के लिए उनके मन में पूरा सम्मान है, लेकिन वह धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूते.
(@NodirbekYakubb1) January 26, 2025

धार्मिक थी वजह
मुस्लिम धर्म को मानने वाले याकुबोएव ने कहा, ‘मैं वैशाली के साथ बाजी के दौरान पैदा हुई स्थिति को स्पष्ट करना चाहता हूं. महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूता हूं.’
(@ayushh_it_is) January 27, 2025

मांगनी पड़ी माफी
वैशाली ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया. आठ दौर के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं. प्रतियोगिता में पांच और दौर खेले जाने बाकी हैं. याकुबोएव ने कहा, ‘मैं वैशाली और उनके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं. अगर मैंने अपने व्यवहार से उन्हें नाराज किया है तो मैं माफी मांगता हूं. मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं: शतरंज हराम नहीं है.’
धार्मिक कारण को लेकर सफाई
याकुबोएव ने कहा, ‘मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए. मैं दूसरों से विपरीत लिंग के लोगों से हाथ नहीं मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए नहीं कहता. यह उनका काम है कि वे क्या करते हैं.’ याकुबोएव ने कहा कि रोमानिया की इरिना बुलमागा के खिलाफ आठवें दौर की बाजी में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उन्होंने अपनी धार्मिक मान्यताओं के बारे में उन्हें पहले ही बता दिया था.
एक अजीब स्थिति बन गई
याकुबोएव ने कहा, ‘आज (रविवार) मैंने इरिना बुलमागा को इसके बारे में बताया. वह इसके लिए सहमत हो गईं, लेकिन जब मैं खेल के मैदान में आया तो निर्णायकों ने मुझे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए. दिव्या और वैशाली के खिलाफ बाजी से पहले मैं इसके बारे में उन्हें नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति बन गई.’



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