पियूष शर्मा/मुरादाबाद: मुरादाबाद में किसान कमल ककड़ी (भसीड़े) की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.कमल ककड़ी की खेती 4 महीने में तैयार हो जाती है. जिससे किसानों को इसमें अच्छा मुनाफा हो जाता है. इसके साथ ही यह खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. इसमें देसी खाद का इस्तेमाल किया गया है.इस कमल ककड़ी से निकलने वाला फूल हरिद्वार, दिल्ली, मथुरा सहित कई जगह भेजा जाता है. जिससे किसानों को काफी मुनाफा होता है.
मुरादाबाद के ग्राम मोड़ा तैया के रहने वाले किसान सूरजपाल सिंह ने बताया कि हम कमल ककड़ी (भसीडे) की खेती करते हैं. इसके साथ ही हम यह खेती करीब 5 एकड़ में कर रहे है. इसमे कुछ जमीन हमारी है. कुछ ठेके पर लेकर करते है.यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती है. यह फसल हमारी 4 महीने में तैयार हो जाती है. इसके साथ ही इसमे हमें 50 हजार एकड़ के हिसाब से बचत हो जाती है. यह खेती 5 एकड़ में की जा रही है. इसमें देशी खाद डाला जाता है और यह चार महीने में तैयार होकर मार्केट में पहुंच जाती है.
खेती तैयार होने तक भरा रहता है पानी
इस खेती की खासियत यह है कि इसमे जब से खेती शुरू की जाती है तभी पानी भर दिया जाता है.जब तक खेती तैयार होती है तब तक पानी भरा रखना पड़ता है. उन्होंने कहा कि बैसे तो इसकी पौध भी आती है. लेकिन वो बहुत दिन में तैयार होती है. लेकिन हम इसका पौधा लगाते है. जिससे यह जल्दी ही तैयार हो जाती है.
ऑर्गेनिक खेती से उगाई गई फसल
ऑर्गेनिक खेती फसल उत्पादन की एक प्राचीन पद्धति है. आपको बता दें, कि ऑर्गेनिक खेती को जैविक खेती भी कहते है. जैविक कृषि में फसलों के उत्पादन में गोबर की खाद कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फ़सलोन के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि इस आर्गेनिक खेती से उगाई गई. सब्जियों या अन्य खाद्य पदार्थ को खाने से कोई नुकसान नहीं होता है. यह सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है.
.Tags: Hindi news, Local18, Moradabad News, UP newsFIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 11:45 IST
Source link