What are the disadvantages of mouth breathing: आपने कभी सोचा है कि अगर हम नाक की जगह मुंह से सांस लें तो इसका हमारी सेहत पर कैसा असर हो सकता है? इस बात को लेकर आपके मन में भी कई बार सवाल उठते होंगे. मानव शरीर का संरचना विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार, हमारी नाक और मुंह दो अलग-अलग काम के लिए डिजाइन किए गए हैं, और इसमें उनके कॉम्बिनेशन का अहम रोल है.
नाक और मुंह का फंक्शन अलग-अलग है
नाक और मुंह के कार्यों में अंतर होता है. नाक से हम ऑक्सीजन को शारीरिक कोशिकाओं में पहुंचाते हैं, जबकि मुंह से हम खाने पीने के सेंस को फील करते हैं. नाक का मुख्य कार्य होता है हमें फाइल्टर करके सांसों में आने वाली गंदगी और कीटाणुओं से बचाना, जबकि मुंह भोजन को पेट में प्रवेश कराता है और सलाइवा के जरिए शुरुआती डाइजेशन कराता है.
मुंह से सांस लेंगे तो क्या होगा?
अगर हम मुंह से सांस लेने की कोशिश करेंगे तो ये कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. एक प्रमुख समस्या है गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स (Gastro-Esophageal Reflux) रोग, जिसमें पेट में एसिडिटी होने लगती है, जो सेहत के लिए अच्छी स्थिति नहीं है. इसके अलावा, मुंह से सांस लेने से नाक के सांस लेने की तुलना में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे शारीरिक कोशिकाओं में ऑक्सीजन की सप्लाई पर असर पड़ेगा, जो बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है.
नाक से ही सांस लेना बेहतर
जिस तरह से हम खाने पीने के लिए मुंह का उपयोग करते हैं, उसी तरह से नाक से सांस लेने का उपयोग करना हमारी सेहत के लिए अच्छा रहेगा. कई बार सर्दी, जुकाम और नाक बंद होने की वजह से हमें मजबूरी में मुंह से सांस लेना पड़ता है, क्योंकि तब कोई और चारा नहीं रहता, लेकिन नॉर्मल कंडीशन में नाक से सांस लेना बेहतर है.
(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)