सनंदन पांडेय/बलिया : बलिया जनपद के झरकटहा गांव में एक रहस्यमयी बहुरिया कुआं है. इस कुएं का पानी औषधि का भी काम करता है. गले में होने वाला भयावह रोग घेंघा (गले में होने वाला एक रोग) इस कुएं के पानी से दूर हो जाता है. यही नहीं इस कुएं के अंदर चार कमरे बनाए गए हैं. जिसमें गांव घर की बहुएं अंदर प्रवेश करती थीऔर स्नान करके अंदर ही कपड़ा बदलकर बाहर निकल जाती थी. इसीलिए यह कुआं रहस्यमयी बना हुआ है.गांव के एक बुजुर्ग हरदेव सिंह बताते हैं कि यह क्षेत्र लगभग 200 वर्ष पहले दूर-दूर तक सुनसान था. इधर से गुजरने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इस गांव (झरकटहा) के निवासी रामदिहाल सिंह जमींदार के खानदान में शादी पड़ी. डोली में बैठकर कन्या यानी बहुरिया ससुराल (झरकटहा) आ रही थी.मुंह दिखाई में कुआं खुदवाने की मांगचूंकि यह पूरा क्षेत्र सुनसान था. गर्मी व धूप के चलते कहारों ने बीच में आराम करने के लिए डोली रख दिया. काहारों को प्यास लगी थी. लेकिन उस सुनसान वीरान स्थल पर दूर-दूर तक कहीं पानी या कुआं नजर नहीं आया. इस पीड़ा और कष्ट को कन्या ने भी महसूस किया. कन्या ने ही मुंह दिखाई में कुआं खुदवाने की मांग की. इसलिए इस कुएं का नाम ही बहुरिया पड़ गया.पशु पक्षी को भी मिलता था इस कुएं लाभइस कुंए से न केवल लोग अपनी प्यास बुझाने का कार्य करते थे. बल्कि पशु पक्षी भी कुंए के पानी से अपनी प्यास शांत करते थे. पशु-पक्षियों के लिए इस कुंए में हौद भी बने हुए हैं. जिसमें पशु पक्षी पानी पीते थे. ग्रामवासी हरदेव सिंह बताते हैं कि कुएं का जल पीने के साथ ही साथ घेंघा रोग (गले का रोग) दूर हों जाता हैं. इस पानी के लिए दूर दूर से लोग यहां आते थे.इस धरोहर को मरम्मत के साथ ही इसे और विकसित स्वरूप देने की आवश्यकता है..FIRST PUBLISHED : July 27, 2023, 06:36 IST
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