mukesh kumar and akash deep interesting cricket love story from bihar to team india debut | Akash Deep: बिहार के वो लाल जिन्होंने बंगाल से खेलते हुए बनाया नाम, फिर टीम इंडिया में छा गए; दिलचस्प है स्टोरी

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mukesh kumar and akash deep interesting cricket love story from bihar to team india debut | Akash Deep: बिहार के वो लाल जिन्होंने बंगाल से खेलते हुए बनाया नाम, फिर टीम इंडिया में छा गए; दिलचस्प है स्टोरी



भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज पर कब्जा कर लिया है. रांची टेस्ट मैच में 5 विकेट से जीत दर्ज कर भारत ने सीरीज में 3-1 से अजेय बढ़त बना ली है. यह भारत की घर पर लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज जीत है. इस मैच में डेब्यू करने वाले बिहार के तेज गेंदबाज आकाश दीप सिंह ने अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया. उनके बिहार से लेकर रांची में टीम इंडिया में डेब्यू करने तक का सफर इंटरेस्टिंग रहा है. सिर्फ आकाश दीप ही नहीं, 2023 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले बिहार के ही मुकेश कुमार की भी स्टोरी कुछ ऐसी ही है. ये दोनों ही गेंदबाज कभी बिहार की होम टीम से खेले ही नहीं, बल्कि बंगाल से खेलते हुए नाम बनाया.
डेब्यू मैच में चमके आकाशदीप इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट मैच में डेब्यू करने वाले 27 साल के आकाश दीप सिंह ने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया. उन्होंने इस मैच की पहली पारी में 3 विकेट झटके. कहने को यह सिर्फ 3 विकेट हैं, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी सटीक लाइन-लेंथ से इंग्लैंड के बल्लेबाजों की नाक में दम की. उन्होंने इंग्लैंड के तीन टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया. मैच के शुरुआती तीन विकेट आकाशदीप के ही नाम रहे. हालांकि, दूसरी पारी में उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिला.  
बिहार में जन्म, लेकिन बंगाल के लिए खेला क्रिकेट  
साउथ बिहार के रोहतास जिले में जन्मे आकाशदीप ने कभी अपनी होम स्टेट टीम के लिए क्रिकेट फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेला. उन्होंने बंगाल टीम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए अपना नाम बनाया और फिर टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया. सिर्फ आकाशदीप ही नहीं, साथी टेस्ट टीम के सदस्य मीडियम तेज गेंदबाज मुकेश कुमार का जन्म भी बिहार के उत्तर-पश्चिमी जिले गोपालगंज में हुआ था. वह भी कभी बिहार टीम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेले. उनका भी नामा बंगाल के खेलते हुए ही चमका था और फिर आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद मुकेश को पिछले जुलाई में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला. मुकेश तब से भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेल चुके हैं. 
मौजूदा रणजी सीजन में हुआ था ड्रामा  
मौजूद रणजी ट्रॉफी सीजन में पटना के खस्ताहाल मोइन-उल-हक स्टेडियम में तब ड्रामा देखने को मिला था, जब मुंबई के खिलाफ सीज़न के पहले रणजी मैच की सुबह, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के दो प्रतिद्वंद्वी समूहों ने खिलाड़ियों की दो अलग-अलग लिस्ट जारी कर दी. यह दोनों ही टीमें मुंबई के खिलाफ रणजी मैच खेलने के लिए स्टेडियम के बाहर पहुंच गई थीं. बता दें कि एक समय बिहार क्रिकेटरों का ‘एक्सपोर्टर’ नहीं, बल्कि ‘इम्पोर्टर’ हुआ करता था. भारत के पूर्व क्रिकेटर सबा करीम और सुब्रतो बनर्जी दोनों पटना में जन्मे थे और बिहार के लिए निकले, लेकिन बाद में बंगाल चले गए. 
बैन हो गया था बिहार क्रिकेट एसोसिएशन 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और हरियाणा के मेवात क्षेत्र से आने वाले ऑलराउंडर शाहबाज अहमद के साथ भी कुछ ऐसा ही है. हर स्टेट एसोसिएशन की अपनी समस्याएं हैं, लेकिन बिहार के मामले में यह उस स्तर तक पहुंच गया, जहां अपनी प्रतिभा को कहीं और देखने के लिए मजबूर होना पड़ता है. लगातार गुटीय झगड़ों के कारण बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 2004 में बीसीसीआई द्वारा बैन कर दिया गया था. बिहार को 2018 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही बहाल किया गया था.
भारत से खेलने के लिए किया कड़ा संघर्ष 
मुकेश और आकाश दीप की कहानियां इंस्पिरेशन से कम नहीं हैं. आकाश दीप के पिता एक स्कूल टीचर थे, जबकि मुकेश के पिता एक टैक्सी ड्राइवर थे. हालांकि, दोनों के पिता ही अपने बेटों को टेस्ट क्रिकेटर बनते देखने के लिए जीवित नहीं रहे. मुकेश ने कुपोषण से लड़ाई लड़ी. वहीं, आकाशदीप ने पीठ की गंभीर चोट से जूझते हुए सपने को सच किया. आकाश दीप ने अपने बड़े भाई को भी खो दिया. दिलचस्प बात यह है कि हाल के वर्षों में बंगाल के दो घरेलू खिलाड़ी – रिद्धिमान साहा और अशोक डिंडा- भी छोटे शहरों से ही निकले.



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