Moyamoya Disease: ये कहानी 24 साल के ची मिंग हेंग (Chee Ming Heng) के तजुर्बे को बताती है, जिन्हें मोयामोया डिजीज का पता चला था, जो एक रेयर सेरेब्रोवास्कुलर डिसऑर्डर (Cerebrovascular Disorder) है. इसके शुरुआती लक्षण फरवरी 2024 में उनके वर्क एक्सपीरिएंस के दौरान शुरू हुए. उन्हें अपना नाम लिखने में दिक्कतें आईं, साथ ही उनके दाहिने हाथ में कमजोरी भी महसूस हुई. इन लक्षणों को शुरू में नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन अगले कुछ दिनों में, चेहरे का लटकना और चीजों को उठाने में मुश्किलें सहित ज्यादा चिंताजनक संकेत सामने आए.
क्या है मायामोया बीमारी?’द स्ट्रेट टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक ची मिंग हेंग ने पॉलीक्लिनिक की विजिट की जिससे उसे स्ट्रोक का शक हुआ, और उसको तुरंत एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया. स्कैन और टेस्ट के बाद, उन्हें मोयामोया डिजीज का पता चला. इस कंडीशन में ब्रेन के बेस पर मौजूद आर्टीज ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे छोटी, उलझी हुई रक्त वाहिकाओं का निर्माण होता है जो रुकावट की भरपाई करने की कोशिश करती हैं। ‘मोयामोया’ शब्द का जापानी में मतब ‘धुएं का गुबार’ है, जो इन ब्लड वेसेल्स की मौजूदगी को दिखाता है.
स्ट्रोक के लक्षणडॉ. चेन मिन वेई, न्यूरोसर्जन जिन्होंने ची मिंग का ऑपरेशन किया, उन्होंने समझाया कि मोयामोया डिजीज से पीड़ित मरीजों में इन कंपंशेटिंग वेसेल्स से इंसफिशिएंट ब्लड सप्लाई के कारण छोटे स्ट्रोक होने का खतरा होता है. ये स्ट्रोक अक्सर हल्के लक्षणों के साथ नजर आते हैं, जैसा कि इस शख्स के मामले में था. ये बीमारी मामूली, ठीक होने वाले स्ट्रोक से लेकर गंभीर स्ट्रोक और ब्रेन में ब्लीडिंग तक अलग-अलग तरीकों से सामने आ सकती है. बच्चों को सीजर्स या डेवलप्मेंट देरी का अहसास हो सकता है.
आसान नहीं है डायग्नोसिस?
मोयामोया डिजीज का डायग्नोसिस चैलेंजिंग हो सकता है, यहां तक कि मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए भी, कुछ मामलों में कंफर्मेशन के लिए एक साल तक का वक्त लगता है. सर्जरी ही इकलौता असरदार इलाज है, क्योंकि लाइफस्टाइल में चेजेंज और दवा इफेक्टिव नहीं हैं. डॉ. चेन ब्रेन में नए ब्लड वेसेल्स बनाने और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए सालाना कई बाईपास ऑपरेशन करते हैं.
ऑपरेशन और रिकवरीची मिंग की मई 2024 में एक कामयाब बाईपास सर्जरी हुई. उनके माता-पिता संभावित लॉन्ग टर्म कॉम्पलिकेशंस के बारे में स्वाभाविक रूप से चिंतित थे, लेकिन वो अच्छी तरह से ठीक हो गए और अपने नॉर्मल फंक्शन को फिर से हासिल कर लिया. उन्हें ड्राइविंग, लिखना और टाइपिंग जैसे कुछ रोजमर्रा के कामों को फिर से सीखना पड़ा, और शुरुआती रिकवरी पीरियड के दौरान थकान का अहसास हुआ.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.