नए शहर या घर में शिफ्ट होना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है, लेकिन यह बदलाव मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करता है. नई जगह, नया माहौल और अनजान लोग- यह सब मिलकर मन में तनाव और घबराहट पैदा कर सकते हैं. खासतौर पर जब काम, पढ़ाई या अन्य कारणों से बार-बार जगह बदलनी पड़े, तो व्यक्ति में अकेलापन और असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि शिफ्टिंग के दौरान सही तैयारी और मानसिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि नए घर में जाने से मेंटल हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे निपटने के लिए क्या करें.
नए घर में शिफ्ट होने का मेंटल हेल्थ पर प्रभाव* नए घर में जाने के दौरान कई लोगों को तनाव और एंग्जायटी का अनुभव होता है. पैकिंग, शिफ्टिंग, अनपैकिंग और नए माहौल में सेट होने की प्रक्रिया शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी थकाने वाली होती है.* जब आप एक नई जगह जाते हैं, तो आपके आसपास परिचित चेहरे नहीं होते. इस कारण अकेलापन महसूस हो सकता है. नए दोस्त बनाने और सामाजिक दायरा बढ़ाने में समय लगता है, जिससे लोग अक्सर खुद को अलग-थलग महसूस करने लगते हैं.* नए माहौल में अक्सर लोगों को अनिद्रा या खराब नींद की समस्या होने लगती है. अपरिचित जगह पर सोने में समय लगता है, जिससे दिनचर्या प्रभावित होती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है.
क्या करें?1. प्लानिंग से शिफ्टिंग करें: जल्दबाजी में घर बदलने से तनाव बढ़ सकता है. बेहतर होगा कि आप पहले से ही एक ऑर्गनाइज्ड प्लान बनाएं और जरूरत पड़ने पर पैकिंग और ट्रांसपोर्ट के लिए प्रोफेशनल्स की मदद लें.
2. नए माहौल को अपनाएं: नए घर में घबराने के बजाय, वहां के माहौल को अपनाने की कोशिश करें. आसपास की जगहों का एक्सप्लोर करें, पड़ोसियों से मिलें और स्थानीय एक्टिविटी में हिस्सा लें.
3. खुद को समय दें: नई जगह में खुद को एडजस्ट करने के लिए समय दें. हर चीज को एकदम परफेक्ट बनाने की कोशिश न करें. धैर्य रखें और धीरे-धीरे रूटीन में लौटें.
4. प्रियजनों से जुड़े रहें: अगर अकेलापन महसूस हो रहा है, तो पुराने दोस्तों और परिवार वालों से फोन या वीडियो कॉल पर जुड़े रहें. इससे इमोशनल सपोर्ट मिलता है.
5. फिजिकल एक्टिविटी करें: शिफ्टिंग के तनाव को दूर करने के लिए एक्सरसाइज या योग करें. यह आपके मूड को बेहतर बनाएगा और नींद की समस्या को दूर करने में मदद करेगा.