भारत में डायबिटीज की बढ़ती घटनाओं के बीच, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के तहत संचालित नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) ने मंगलवार को रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडीज इन डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते का उद्देश्य भारत में डायबिटीज देखभाल की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और डायबिटीज के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देना है. इससे डायबिटीज के मरीजों को अत्यधिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी. इस समझौते के तहत, एनएबीएच और आरएसएसडीआई मिलकर डायबिटीज प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम क्लिनिकल दिशानिर्देशों को विकसित करेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उच्च मानकों को सुनिश्चित करेंगे.
उठाया गया अहम कदम
भारत में डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, देश में 250 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं. इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, एनएबीएच और आरएसएसडीआई के बीच हुए समझौते का उद्देश्य इस बीमारी के प्रबंधन को प्रभावी तरीके से संचालित करना है. डायबिटीज के बेहतर उपचार और देखभाल के लिए क्लिनिकल और डिजिटल स्वास्थ्य मानकों का अनुसरण किया जाएगा, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम परिणाम मिल सकें.
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डिजिटल स्वास्थ्य मानकों को लागू करेंगे
समझौते के तहत, एनएबीएच और आरएसएसडीआई मिलकर डायबिटीज के मरीजों के लिए नवीनतम डिजिटल स्वास्थ्य मानकों को लागू करेंगे. इससे मरीजों और डॉक्टरों को नए तकनीकी उपकरणों और दिशा-निर्देशों का उपयोग करने में सहायता मिलेगी. इसके अलावा, आरएसएसडीआई की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए डायबिटीज के प्रबंधन और अनुसंधान के लिए सर्वोत्तम क्लिनिकल दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे. इन दिशानिर्देशों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डायबिटीज के मरीजों को वैज्ञानिक और प्रमाण आधारित इलाज मिले.
मान्यता प्राप्त क्लीनिकों के उच्च मानक
इस समझौते के तहत, एनएबीएच और आरएसएसडीआई यह सुनिश्चित करेंगे कि मान्यता प्राप्त डायबिटीज क्लीनिक उच्चतम मानकों का पालन करें. इसमें मरीजों के लिए शिक्षा, अनुसंधान और दिशानिर्देश-आधारित देखभाल कार्यक्रम शामिल होंगे. इसके साथ ही, यह क्लीनिक आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करेंगे, ताकि मरीज अपने स्वास्थ्य से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस साझेदारी से एलोपैथिक क्लीनिकों के लिए एनएबीएच मानक बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल मिलेगी.
आरएसएसडीआई की भूमिका
आरएसएसडीआई, जो देश में 12,000 से अधिक डायबिटीज देखभाल विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करता है, इस समझौते में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. मंत्रालय ने बताया कि आरएसएसडीआई अपने सदस्य आधार में एनएबीएच के एलोपैथिक क्लीनिक मानक प्रमाणन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगा, ताकि देशभर में डायबिटीज की देखभाल के मानक उच्च हों.