More than 100 crore people in the world are now living with obesity latest report publish in The Lancet | दुनिया भर में मोटे लोगों की संख्या 100 करोड़ के पार, 30 वर्षों में 4 गुना बढ़ गया मोटापा

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More than 100 crore people in the world are now living with obesity latest report publish in The Lancet | दुनिया भर में मोटे लोगों की संख्या 100 करोड़ के पार, 30 वर्षों में 4 गुना बढ़ गया मोटापा



दुनिया भर में मोटापे की समस्या एक महामारी का रूप ले चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंपीरियल कॉलेज लंदन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 100 करोड़ से अधिक लोग मोटापे से पीड़ित हैं. यह संख्या पिछले 30 वर्षों में 4 गुना बढ़ी है और यह चिंताजनक है.
2022 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 88 करोड़ वयस्क लोग मोटे हो चुके हैं. 2022 में 50.40 करोड़ महिलाएं और 37.40 करोड़ पुरुष मोटे हैं.  इसी वर्ष के हिसाब से 15.90 करोड़ स्कूली बच्चे मोटे हैं. डब्ल्यूएचओ और इंपीरियल कॉलेज लंदन की ये रिपोर्ट द लैंसेट में पब्लिश हुई है.190 देशों से जुटाए आंकड़ेस्टडी में 190 देशों के 22 करोड़ लोगों के वजन और हाइट का डाटा इकट्ठा किया गया. इनमें 6.30 करोड़ 5 से 19 साल के बच्चे और किशोर थे, जबकि 15.80 करोड़ लोग 20 साल से ज्यादा की उम्र के थे. इसके आधार पर विश्व का डाटा समझा गया.
बच्चों में 4 गुना मोटापा बढ़ासर्वे के मुताबिक स्कूली बच्चों में 4 गुना मोटापा बढ़ा है. स्कूली बच्चों के आंकड़े सबसे ज्यादा खराब हुए हैं. 1990 में दुनिया भर में 3 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार थे, जबकि 2022 के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक 16 करोड़ बच्चों में मोटापे की बीमारी आ चुकी है. लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में 9.40 करोड़ लड़के और 6.5 करोड़ लड़कियां मोटापे के शिकार हैं. लैंसेट के सर्वे के मुताबिक मोटापा और कम वजन दोनों ही कुपोषण के दायरे में आते हैं. इस स्टडी को इंपीरियल कॉलेज लंदन के साथ मिलकर किया गया है.
भारत में मोटापे और कम वजन की दोहरी मारभारत में 1990 में भी कम वजन वालों की संख्या मोटे लोगों के मुकाबले ज्यादा थी. 2022 में भी ऐसा ही है. लेकिन भारत में मोटे लोग लगातार बढ़ रहे हैं. द लैंसेट ने भारत के फैमिली हेल्थ सर्वे के आधार पर भारत का जो डाटा पेश किया है, उसके मुताबिक भारत में लोग पेट की गोलाई वाले मोटापे के शिकार सबसे ज्यादा हैं. यानी बीएमआई के हिसाब से फिट होने के बावजूद ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जिनकी कमर का घेरा बड़ा है.
भारत में मोटे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रहीभारत में 5 साल से कम के 3.5 प्रतिशत बच्चे मोटे है. 5 से 19 साल के बच्चों में मोटापा 16 प्रतिशत बच्चों में पाया जाता है. कुछ स्टडी के मुताबिक भारत में पिछले 2 से 3 दशकों में मोटापे में 24 गुना का इजाफा हो गया है. इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स ने भारत में मोटे होते बच्चों की बढ़ती रफ्तार को देखने के बाद गाइडलाइंस अपडेट की हैं. जिसके मुताबिक अब मोटापा एक बीमारी कहलाएगा. ये परिभाषा बड़ों पर भी लागू होगी.
भारत में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं मोटीभारत में बीएमआई के हिसाब से 23% महिलाएं और 22% पुरुष मोटापे के शिकार हैं. लेकिन पेट की गोलाई के हिसाब से 40% महिलाएं और 12% पुरुष पेट के मोटापे के शिकार हैं. भारत में 30 से 49 वर्ष के बीच की हर दूसरी महिला मोटापे की शिकार है. ज्यादा उम्र, शहर में रहने वाली, संपन्न और नॉनवेज खाने वाली महिलाएं ज्यादा मोटी हैं. पहले नंबर पर केरल (65.4%), दूसरे नंबर पर पंजाब (62.5%), तीसरे नंबर पर तमिलनाडु (57.9%) और चौथे नंबर पर दिल्ली (59%) की महिलाएं हैं. जबकि मोटापे का यह आंकड़ा झारखंड (23.9%) और मध्य प्रदेश (24.9%) में सबसे कम है.
मोटापा क्यों है बीमारीमोटे लोगों में दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सांस लेने में परेशानी और आर्थराइटिस की बीमारियां जल्दी हो जाती हैं. ज्यादा वजन शरीर के हर अंगों पर भारी पड़ता है. मोटे लोगों का दिल खून पंप करने में ज्यादा मेहनत करता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है. लिवर खाना पचाने में और घुटने चलने में ज्यादा बोझ उठाते हैं. WHO के मुताबिक मोटापे की वजह से कुछ खास तरह के कैंसर होने का खतरा और साथ ही कोरोना वायरस के मामले में मौत होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
WHO ने बढ़ते मोटापे की यह बताई वजहरिसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स के मुताबिक दुनिया भर में मोटापा बढ़ाने की सबसे बड़ी वजह गलत खानपान है और उसमें पहला नंबर प्रोसेस्ड फूड का है. इंपीरियल कॉलेज लंदन के मुताबिक शुगर फैट और नमक की तेज मात्रा वाले खाने से बाजार भरा पड़ा है और सबसे ज्यादा इन्हीं चीजों की मार्केटिंग की जा रही है.



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