पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. यहां 86 साल से नगर निगम द्वारा लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है. यह लाइब्रेरी बेहद पुरानी है. इसके साथ ही बहुत छोटी सी जगह में लाइब्रेरी का संचालन किया जाता है. लेकिन इस लाइब्रेरी में एक खास बात यह है कि इसमें 100 साल पुरानी उर्दू की भगवत गीता सहित कई धार्मिक किताबें मौजूद हैं. जिन्हें पढ़ने के लिए हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी आते हैं. लाइब्रेरियन का कहना है कि इन हिंदू धार्मिक किताबों को पढ़ने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग भी लेकर जाते हैं. और ज्ञान अर्जित करते हैं.फुरकान आलम नगर निगम लाइब्रेरियन ने बताया कि इस लाइब्रेरी में 100 साल पुरानी भगवत गीता और इसके साथ ही गीतांजलि है जो कि उर्दू में है. वह भी 100 साल पुरानी है और हिंदी में महाभारत भी है. इस तरह की बहुत सी ऐसी किताबें हैं जो उर्दू में है. कई सारें किताबें हैं जो हिंदी में है. लेकिन इनमें खास बात यह है कि ये सारी 100 साल पुरानी किताब है.मुस्लिम धर्म के लोग ज्ञान प्राप्त करते हैंउन्होंने बताया कि हिंदू धर्म की किताबों को पढ़ने के लिए मुस्लिम धर्म के लोग भी आते हैं. अपने घर के लिए भी लेकर जाते हैं. मुस्लिम धर्म के लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए इन किताबों को पढ़ते हैं. इसके अलावा मुस्लिम धर्म की पुस्तकों की बात करें तो हिंदी में कुरान भी लाइब्रेरी में उपलब्ध है. जिसे लोग पढ़ते हैं और घर के लिए भी लेकर जाते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : May 08, 2023, 12:57 IST
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