सुशील सिंह/मऊ : पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोगों का जीवन यापन कृषि पर आधारित है. यहां पर लोग विभिन्न प्रकार की खेती करते हैं जिसमे धान, गेहूं की फसल मुख्य रूप से बोई जाती है. परंतु यहां के किसानों को अब तिलहन की फसल को बोने के लिए जागरूक किया जा रहा. इसी क्रम में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने एवं नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकी जानकारी देने के लिए किसान मेला और गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. मेले में किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती की जानकारी दी जाएगी.
उप कृषि निदेशक सत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के अंतर्गत वर्ष 2023-2024 में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को विशेष प्रशिक्षण और तिलहन उत्पादन की नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2021 में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की घोषणा की थी. मिशन के तहत देश में न सिर्फ तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि इससे जुड़ी इंडस्ट्री को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. इससे तेल के आयात पर निर्भरता कम होने और किसानों को तेल के विशाल बाज़ार से लाभ उठाने की उम्मीद है.
6 फरवरी को लगेगा कृषि मेलासत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि घोसी विकासखंड के रसड़ी गांव में तिलहन मेले का आयोजन 05 फरवरी को होगा. वहीं मऊ नगर पालिका कम्युनिटी हॉल में 6 फरवरी को किसान मेला लगेगा. जिसमें जिले के सभी किसान सम्मिलित हो सकते हैं. जहां तिलहन उत्पादन से जुड़ी योजनाओं का इस मेले में प्रचार प्रसार किया जायेगा तथा तिलहन की खेती से किसान अपनी आर्थिक उन्नति किस प्रकार कर सकते हैं इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
क्या है कृषि मेला का उद्देश्य?सत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वैज्ञानिक विधि से कृषि करने से लागत काफी कम लगती है और उत्पादन अधिक होता है, इससे किसानों की काफी आर्थिक उन्नति होती है. वैज्ञानिक विधि से खेती के लिए किसानों को उन्नत बीजों, खाद और तिलहन के लिए उपयुक्त मिट्टी की जानकारी भी दी जाएगी. इसके अलावा इस मेले में रबी और जायद की फसलों के बारे में भी बताया जायेगा. जिसमें मुख्य रूप से दलहन और मोटे अनाजों की खेती के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.
.Tags: Local18, Mau news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 4, 2024, 21:09 IST
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