Mohammed Shami gets bail in domestic violence case before odi world cup 2023 | Team India: कोर्ट में पेश हुआ टीम इंडिया का एक धाकड़ खिलाड़ी, घरेलू हिंसा मामले में मिली जमानत

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Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम को 22 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है. इस सीरीज के लिए दोनों टीमों ने अपने स्क्वॉड का ऐलान भी कर दिया है. लेकिन इस सीरीज से पहले टीम इंडिया के एक खिलाड़ी को कोट का चक्कर लगाना पड़ा है. इस खिलाड़ी पर घरेलू हिंसा के मामले में केस दर्ज है. हालांकि इस खिलाड़ी को कोट से बड़ी राहत मिली है. एक निचली अदालत ने इस खिलाड़ी की पत्नी द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा के मामले में उसे जमानत दे दी है.
कोर्ट में पेश हुआ टीम इंडिया का ये खिलाड़ीवनडे वर्ल्ड कप से पहले भारत के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को बड़ी राहत मिली है. कोलकाता की एक निचली अदालत में उनकी पत्नी हसीन जहां (Hasin Jahan) द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा के मामले में उन्हें जमानत दे दी है. शमी के बड़े भाई मोहम्मद हसीब को भी मंगलवार को इसी अदालत ने जमानत दी. बता दें मंगलवार को दोनों भाई निचली अदालत में पेश हुए जहां उनके वकील ने जमानत याचिका दायर की, जिसे मंजूर कर लिया गया.
मोहम्मद शमी पर लगाए गए थे गंभीर आरोप
मार्च 2018 में मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की पत्नी ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में, उन्होंने शमी पर शारीरिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस मामले में शमी और उनके बड़े भाई से भी पूछताछ की थी और दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था. हालांकि, कोलकाता की एक निचली अदालत ने उस वारंट पर रोक लगा दी थी. इसके बाद हसीन जहां ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. हालांकि, उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. फिर, उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने हाल ही में मामले को उसी निचली अदालत में फिर से भेज दिया और मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अंतिम निर्णय पर आने का निर्देश दिया.
पत्नी को मासिक गुजारा भत्ता देते हैं शमी
इस साल जनवरी में अदालत ने मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को उनकी पत्नी हसीन जहां (Hasin Jahan) को 1.30 लाख रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था, जिसमें 50,000 रुपये व्यक्तिगत गुजारा भत्ता के रूप में और शेष 80,000 रुपये उनकी बेटी के भरण-पोषण की लागत के लिए थे, जो उनके साथ रह रही है.



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