रिपोर्ट – मंगला तिवारी
मिर्जापुर: दुर्घटना में घायल लोगों और गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए पल पल का समय कीमती होता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल की पहल पर हाल ही मिर्जापुर मंडलीय चिकित्सालय की टीम ने इमरजेंसी सेवाओं को बेहतर करने के लिए एम्स में ट्रेनिंग ली. अब हॉस्पिटल में बदलाव देखने को मिलेगा. जहां इमरजेंसी को रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा. गंभीर मरीजों को रेड जोन, थोड़े कम गंभीर को येलो और प्राथमिक उपचार वाले मरीज को ग्रीन जोन में एडमिट किया जाएगा.
मां विंध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल ने बताया कि मरीजों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी वार्ड को तीन जोन में बांटकर इलाज की प्राथमिकता तय की जाएगी. उन्होंने बताया इस व्यवस्था से क्रिटिकल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. इसके अलावा जोन बनने के बाद डॉक्टर की प्राथमिकता होगी कि पहले रेड जोन के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाए. साथ ही इस व्यवस्था से मरीजों को मिलने वाले इलाज में और गुणवत्ता आएगी.
एम्स से किसने क्या सीखा?
इमरजेंसी में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए डॉक्टर और एक स्टॉफ नर्स को चुना गया था. चिकित्सा अनुभाग से डॉक्टर दिलीप चौरसिया, डॉक्टर सुनील कुमार सिंह व नर्स शशि प्रभा ने एम्स में ट्रेनिंग ली. जहां इमरजेंसी में मरीजों का उपचार कैसे किया जाए और किस परिस्थिति में हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाए, इसका प्रशिक्षण लिया. स्टाफ नर्स शशि प्रभा ने बताया हम इमरजेंसी केयर के लिए ट्रेनिंग करने गए थे. उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था एम्स में है, कोशिश है कि वह यहां भी हो. इस व्यवस्था से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Government Medical College, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : December 21, 2022, 08:06 IST
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