रिपोर्ट – मंगला तिवारी
मिर्जापुर. यूपी के मिर्जापुर जिले में प्रतिभावान छात्रों की सुविधा और शिक्षा को गुणवत्ता परक बनाने के लिए लाखों रुपयों की लागत से छात्रावास की इमारत तैयार की गई थी, लेकिन इसका खास फायदा नहीं मिल सका. दरअसल इन दिनों बंद पड़ा ये छात्रावास शराबियों और असमाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. लगभग 12 वर्ष से यह इमारत बंद पड़ी है. बिना देखरेख के छात्रावास भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है. यही नहीं, अब कई कमरों के खिड़की दरवाजे भी टूट गए हैं, तो दीवारें जर्जर दिखाई दे रही हैं.
इस भवन का निर्माण 1985 में करवाया गया था. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पंडित लोकपति त्रिपाठी ने इसका शिलान्यास किया था. इसका उद्देश्य था कि बड़ी संख्या में यहां दूर-दराज से आये हुए छात्र रहकर पढ़ाई करेंगे, लेकिन 2010 से यह इमारत बंद पड़ी है. छात्रों के न रहने से अब यह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. जबकि इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.
एकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा पास करने वाले छात्रों को होता था एलॉटएकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल में रहने की अनुमति मिलती थी. छात्रावास में 100 बच्चों के रहने की व्यवस्था थी, जिसमें एक कमरें में अधिकतम तीन बच्चे रहते थे. प्रत्येक ब्लॉक से दो छात्रों को हॉस्टल देने का प्रावधान था, जिसमें मिर्जापुर के लगभग 24, जौनपुर के 42 और सोनभद्र के 20 छात्र रहते थे.
खंडहर बनी इमारतजिला विद्यालय निरीक्षक ऑफिस के बगल में बना छात्रावास देखरेख के अभाव में बदहाल हो गया है. इसके परिसर में झाड़ियां उग गई हैं, जिससे लोग दिन में ही यहां आने से कतराते हैं. छात्रावास के कमरे की खिड़कियों के दरवाजे गायब हैं. सीढ़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. कमरों में घास फूस और झाड़-झंखाड़ उग गए हैं. भवन की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं. जबकि यहां पर असामाजिक तत्वों द्वारा शराब की महफिल सजाई जाती है, जिसके कारण आसपास रहने वाले लोग भी परेशान है.
हॉस्टल के नाम पर बना नशे का अड्डास्थानीय आलोक दुबे ने बताया कि यहां स्कॉलरशिप वाले छात्र रहते थे. कई सालों से यह बंद पड़ा है. अब यह हॉस्टल के नाम पर नशे का अड्डा बन चुका है. बिल्डिंग में दरारें पड़ गई हैं. कब गिर जाए कोई ठीक नहीं है. यदि इसको सही करा दिया जाए तो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, वो कम पैसों में हॉस्टल लेकर पढ़ाई कर सकते हैं.
जिला विद्यालय निरीक्षक ने कही ये बात छात्रावास भवन को लेकर जब मिर्जापुर जिला विद्यालय निरीक्षक अमरनाथ सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि 2010 से यह छात्रावास बंद पड़ा है. पहले सोनभद्र, भदोही के साथ मिर्जापुर के एकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा पास करने वाले छात्र जीआईसी में एडमिशन लेकर पढ़ते थे और वही छात्र रहते थे. मगर अब जीआईसी स्कूल सोनभद्र और भदोही में खुल जाने से अब यह छात्रावास खाली पड़ा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Mirzapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 17:53 IST
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