Mirzapur Dussehra 2024 : यहां रावण जलाया नहीं जाता, प्रभु राम करते हैं उसका सिर कलम, 150 साल से जारी है परंपरा

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Mirzapur Dussehra 2024 : यहां रावण जलाया नहीं जाता, प्रभु राम करते हैं उसका सिर कलम, 150 साल से जारी है परंपरा

मिर्जापुर : अभी तक आपने दशहरा के दिन रावण के पुतला को दहन करते हुए देखा होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में रावण के पुतले को दहन नहीं बल्कि सिर कलम किया जाता है. सैकड़ों साल से यह परंपरा जारी है. दशहरा के दिन इस नजारा को देखने के लिए मध्य प्रदेश और प्रयागराज से काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. 10 सिर वाले रावण का भगवान श्रीराम तलवार से सिर कलम करते हैं. सिर कलम से पहले रावण के पुतले को पूरे बाजार में घुमाया जाता है.मिर्जापुर के ड्रमंडगंज बाजार में श्री रामलीला कमेटी के द्वारा रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है. लगभग 150 वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार यहां पर रावण के पुतले का सिर कलम करके विजयादशमी मनाया जाता है. रावण के 10 सिर वाले पुतले को संवारने के बाद पूरे बाजार में घुमाया जाता है. बाजार में घूमने के बाद देर शाम प्रभु राम रावण के पुतले का सिर कलम करते हैं. बीस फीट ऊंचे रावण के पुतले को एक सप्ताह पूर्व से ही तैयार किया जाता है.150 साल से जारी है परंपरास्थानीय निवासी ताड़केश्वर केसरी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि यहां पर 150 वर्ष से पुरानी परंपरा चली आ रही है. इसी परंपरा के अनुसार रावण का सिर कलम किया जाता है. रावण के पुतले का सबसे पहले निर्माण छटंकी बिन्द ने किया था, जिसके बाद से हर वर्ष इसे उन्हें परिवार के सानिध्य में तैयार किया जाता है. पहले इसे बाजार में घुमाया जाता है. तत्पश्चात मैदान में ले आकर रखा जाता है.इन जगहों से आते हैं लोगबाजार निवासी नित्यम केशरी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि यहां का मेला ऐतिहासिक होता है. इसे देखने के लिए मध्य प्रदेश सहित अलग-अलग प्रान्तों से लोग आते हैं. हजारों की संख्या में यहां पर भीड़ उमड़ती है. यह कोई मान्यता नहीं है बल्कि सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा है. सभी उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं.FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 20:06 IST

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