श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि भक्त पहले गंगा स्नान करते हैं, फिर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मां अष्टभुजा और लगभग तीन किलोमीटर दूर मां कालीखोह के दर्शन करने जाते हैं. त्रिकोण दर्शन से जुड़ी मान्यता के अनुसार, यहां आने वाले भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है. यहां भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग का भी द’र्शन कर सकते हैं.