Milkipur Upchunav: आरएसएस का बैकग्राउंड, गुजरात से कनेक्शन, जानिए बीजेपी ने मिल्कीपुर सीट से चन्द्रभान पासवान पर ही क्यों लगाया दांव

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Last Updated:January 15, 2025, 12:12 ISTMilkipur Upchunav: मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को उतारा है, जो आरएसएस से जुड़े हैं. बीजेपी की रणनीति पासी वोट बैंक में सेंध लगाने की है. सपा ने दिवंगत विधायक के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया…और पढ़ेंहाइलाइट्सबीजेपी ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए चंद्रभान पासवान को उम्मीदवार बनाया हैचंद्रभान पासवान पासी समुदाय से हैं और आरएसएस से जुड़े हैंबीजेपी की रणनीति पासी और ब्राह्मण वोटों के जरिए जीत हासिल करना हैअयोध्या. अयोध्या की मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने पासी विरादरी का प्रत्याशी उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. अब इस सीट पर मुकाबला पासी बनाम पासी हो गया है. बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान ने करीब एक दर्जन दावेदारों को पछाड़ते हुए टिकट लेने में बाजी मारी है. चंद्रभान पासवान को टिकट देकर बीजेपी ने सियासी पंडितों के साथ ही समाजवादी पार्टी को भी चौंका दिया है.

चंद्रभान पासवान का आरएसएस बैकग्राउंड भी रहा है. उनके पिता रामलखन दास ग्राम प्रधान हैं और आरएसएस से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा चंद्रभान पासवान कपड़े और पेपर का थोक कारोबार करते हैं, जिसकी वजह से उनका सूरत और अहमदाबाद तक कारोबार फैला हुआ है. जहां तक सियासी अनुभव की बात है तो वे रुदौली से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं. उनकी पत्नी कंचन मौजूदा समय में रुदौली से जिला पंचायत सदस्य हैं. लिहाजा चंद्रभान पासवान के पास चुनावी अनुभव भी है.

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बीजेपी की यह है रणनीतिबीजेपी ने नए और युवा चेहरे को सामने कर कई समीकरण साधने की कोशिश की है. दरअसल, मिल्कीपुर सीट पर पासी वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने अपने दो बार के विधायक और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद की टिकट दिया है. अजीत प्रसाद भी पासी समाज से ही हैं. मिल्कीपुर सीट पर 60 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं. बीजेपी को लगता है कि पासी वोटर्स को बांट कर उपचुनाव में एडवांटेज लिया जा सकता है.

बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर दरअसल, पीडीए फॉर्मूले के तहत अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशी को उतारा है. दलित वोटर्स ज्यादा होने की वजह से पासी समाज का प्रत्याशी खड़ा किया. इस सीट पर पासी विरादरी का वोट 55000 है.  साथ ही मुस्लिमों की तादाद भी अधिक होने से अखिलेश का दांव कारगर दिख रहा था. ओबीसी में 55000 यादव विरादरी के मतदाता भी सपा के पक्ष में माहौल बना रहे थे. लेकिन अयोध्या सीट से लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. यही वजह है कि पासी विरादरी से प्रत्याशी उतारकर बीजेपी ने सपा को भी चौंका दिया है. बीजेपी की प्लानिंग है कि पासी मतों में विभाजन कर वह पीडीए फॉर्मूले को कमजोर कर सकती है.

कौन हैं चंद्रभान पासवान?चंद्रभान पासवान रुदौली के परसौली गांव के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में चंद्रभान पासवान जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं. तीन अप्रैल 1986 को जन्मे चंद्रभान की शैक्षिक योग्यता बीकाॅम, एमकॉम और एलएलबी है. भले ही प्रदेश की सियासत में यह नाम अनजाना हो, लेकिन इलाके में चंद्रभान का अच्छा प्रभाव है. पिता ग्राम प्रधान और पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं. चंद्रभान पासवान को टिकट मिलते ही उनके गांव में उत्सव का माहौल हो गया. तस्केंत मिलने के बाद चंद्रभान पासवान ने कहा कि उपचुनाव में मिल्कीपुर की जनता उनके साथ है और यह सीट जीतकर वह बीजेपी की झोली में डालेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता को टिकट मिलेगा. पार्टी ने जो भरोसा जताया है, उसे जीत के साथ पूरा करूंगा. यह फर्क नहीं पड़ता की सामने कौन है.
Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar PradeshFirst Published :January 15, 2025, 12:12 ISThomeuttar-pradeshRSS बैकग्राउंड, गुजरात कनेक्शन, मिल्कीपुर में चंद्रभान पर क्यों लगाया दांव?

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