हाइलाइट्सअमर गिरि ने कोर्ट में कहा, आनंद गिरि के खिलाफ नहीं लिखाया केसअमर गिरि ने कोर्ट में दिया शपथ पत्रमुकदमा वापस लेने की मांगप्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है. आनंद गिरि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले अमर गिरी ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि उन्होंने कोई मुकदमा नहीं दर्ज कराया है. और किसी को नामजद भी नहीं किया है. अमर गिरी ने शपथ पत्र देकर मुकदमा वापस लेने की भी अदालत में इच्छा जताई है. अमर गिरी का शपथ पत्र आने के बाद पूरे मामले की दिशा बदल गई है. ऐसे में अगर कोर्ट की इजाजत के बाद अमर गिरी मुकदमा वापस ले लेते हैं तो न केवल मुख्य आरोपी बनाए गए आनंद गिरि और सह आरोपी आद्या प्रसाद तिवारी व उसके बेटे संदीप तिवारी के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा. उधर, मुख्य आरोपी आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई हुई. सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से 6 दिनों की मोहलत मांगी है. अब 18 अगस्त को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
बल्कि तीनों के खिलाफ चल रहा है मुकदमा भी खत्म हो सकता है. हालांकि ऐसा होने पर महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी के मामले में कोई दोषी नहीं ठहराया जा सकेगा. जबकि खुद महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर 2021 को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के गेस्ट हाउस के कमरे में पंखे से लटके पाए गए थे. उनके गले में नायलॉन की रस्सी का फंदा लगा हुआ था. फंदे से. नीचे उतारने पर उनकी सांसें थम चुकी थी.
पुजारी अमर गिरी ने दर्ज कराई थीं FIRइस मामले में उसी कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को जिम्मेदार ठहराया था. इसी के आधार पर उसी दिन देर रात जॉर्ज टाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. यह एफआईआर बड़े हनुमान मंदिर में रहने वाले पुजारी अमर गिरी की ओर से दर्ज कराई गई थी. जिसमें महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि समेत तीन लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने का जिम्मेदार ठहराया गया था.
सभी आरोपी नैनी सेंट्रल जेल में बंदपूरे मामले के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से जुड़े होने के चलते योगी सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति की थी, जिसके बाद 25 सितंबर से इस मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी थी. सीबीआई ने इस मामले में प्रयागराज की जिला कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की है, सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में नरेंद्र गिरी की मौत को खुदकुशी बताया है. इस मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए आनंद गिरि 22 सितंबर 2021 से नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. उनकी जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई हो रही है. जबकि मामले में आपराधिक केस प्रयागराज जिला अदालत में चल रहा है और इस मामले में जिला अदालत आरोप तय करने की कार्यवाही कर रही है.
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