मेरठ. मंजिल पाने की चाहत तो हर कोई रखता है, लेकिन कई बार कठिनाइयों की वजह से हौसले डगमगाने लगते हैं. पर अगर कुछ करने का जुनून हो तो इनसान हर हाल में अपना मुकाम हासिल कर सकता है. यह सिद्ध किया है कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस करनेवाली अंतरराष्ट्रीय पैरालिफ्टर जैनब खातून ने. उन्होंने दो साल की कड़ी मेहनत के बाद दुबई में आयोजित पैरा पावर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीतकर मेरठ का नाम रोशन किया है. इस उपलब्धि से उनके गांव में जश्न का माहौल है.जैनब खातून की कोच प्रफुल्ल त्यागी ने बताया कि उनके लिए यह काफी गौरवान्वित पल है कि उनकी पैरालिफ्टर जैनब खातून ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पदक हासिल किया है. उन्होंने बताया कि जैनब ने 61 किलो कैटेगरी में 70 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक जीता है. जाहिर है जैनब की इस उपलब्धि से देश का नाम रोशन हुआ है.
बता दें कि इस प्रतियोगिता के लिए भारत की ओर से कुल 5 पुरुष और 4 महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें, तो उत्तर प्रदेश में से मात्र दो खिलाड़ियों का चयन हुआ था. ये दोनों खिलाड़ी मेरठ से ही थे, जिनमें एक सुमित और दूसरी जैनब खातून थीं.
News18 Local से खास बातचीत में अंतरराष्ट्रीय पैरा लिफ्टर खिलाड़ी जैनब खातून ने कहा कि जीवन में काफी कठिनाइयां मिलीं, लेकिन उन्होंने कठिनाइयों से सीखकर ही मुकाम हासिल किया. उन्होंने बताया कि इस पदक से उन्हें एक नई ऊर्जा मिली है. वह आनेवाले समय में अब देश के लिए पैराओलंपिक में गोल्ड लाना चाहती हैं. इसके लिए वह दिन प्रतिदिन मेहनत करेंगी. इतना ही नहीं, उन्होंने अन्य खिलाड़ियों से भी कहा कि हौसला न हारें. अगर वह जीवन में लक्ष्य के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे, तो जीवन में एक दिन जरूर उन्हें भी यह मौका मिलेगा, जो उन्हें मिला है.
बताते चलें कि जैनब खातून एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं. दिव्यांग होने के चलते उन्हें बैसाखी का भी सहारा लेना पड़ता है, लेकिन उन्होंने अपनी इसी बैसाखी के सहारे को अपनी हिम्मत बनाया. अब वह अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 21, 2022, 20:11 IST
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