रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ. मेरठ क्रांति की धरा है, आजादी के मशाल को जलाने की धरा है. देश को आजाद कराने की जंग में मेरठ का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है, क्योंकि 1857 की क्रांति की शुरुआत मेरठ से हुई थी. देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद कराने के हर एक आंदोलन में मेरठ का अहम योगदान है. फिर चाहे बात 10 मई 1857 की प्रथम क्रांति संग्राम की करें या फिर 1947 तक के किसी भी आंदोलन की करें. इसी तरह का योगदान मेरठ कॉलेज के छात्रों का भी रहा है. जब देश को आजाद कराने के लिए भारतीय सेनानियों द्वारा देश के कोने-कोने में विभिन्न आंदोलन चलाए जा रहे थे. उस समय सेनानियों के आंदोलन को मेरठ कॉलेज के छात्रों का भी समर्थन था. 1857 के बाद से ही अंग्रेजों का जुल्म कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था. तब मेरठ कॉलेज के छात्रों ने अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
इतिहासकार कहते हैं कि जब अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय द्वारा असहयोग आंदोलन के साथ अन्य आंदोलन शुरू किए गए थे, तो अंग्रेजों ने भारतीयों पर ज्यादा जुल्म शुरू कर दिए थे. उन जुल्मों के बीच ही मेरठ कॉलेज के छात्रों की एक आवाज बुलंद हुई थी. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरित होकर असहयोग आंदोलन के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 1921 में चांदी की प्लेट और अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाकर 100 सोने की मुद्राएं सौंपी थीं. इतना ही नहीं छात्रों ने तन-मन-धन से आंदोलन में सहयोग करने की बात भी कही थी.
मेरठ के युवाओं से डरते थे अंग्रेजमेरठ की क्रांति भूमि की बात की जाए तो जिस तरह का जोश युवाओं में पहले था. उस तरह का आज भी देखने को मिलता है. अंग्रेज भी मेरठ के युवाओं से काफी डरते थे. क्योंकि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भी मेरठ से ही क्रांति का उद्घोष हुआ था. जिसका स्वरूप था महज 85 क्रांतिकारियों ने ही अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराया था. यह आंदोलन ऐसा शुरू हुआ की 1947 तक लगातार मेरठ में मंगल पांडे,शहीद धनसिंह कोतवाल हों या ऐसे अनेकों क्रांतिकारी हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए थे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Independence day, Mahatma gandhi, Meerut newsFIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 12:03 IST
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