Meerut:इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया ऐसा मॉडल,जो बदल देगा किसानों की जिंदगी

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Meerut:इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया ऐसा मॉडल,जो बदल देगा किसानों की जिंदगी



रिपोर्ट: विशाल भटनागर मेरठसोचिए अगर किसानों के लिए कोई ऐसी डिवाइस बन जाए जिससे उन्हें पता चल सके कि खेत को कितना पानी और खाद चाहिए.तो कितना अच्छा होगा कि किसान दूर बैठ कर भी टेक्नोलॉजी की मदद से उन्नत खेती कर सकेगा.जी हां इस तरह की तकनीक को खोजा है इंजीनियरिंग कॉलेज के होनहार स्टूडेंट्स ने जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Artificial intelligence पर आधारित उर्वरक सिंचाई पद्धति का मॉडल तैयार किया है.इस शोध को लेकर दावा किया जा रहा है कि किसान इस टेक्नोलॉजी की मदद से मोबाइल के माध्यम से ही खेतों की मॉनिटरिंग कर सकेंगे.चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर ( Chaudhary Charan Singh University campus) में संचालित सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज (sir chhotu ram enngineering college)के एग्रीकल्चर agriculture के छात्र-छात्राओं ने ऐसी डिवाइस तैयार की है जो किसानों के लिए वरदान शाबित होगी.
मोबाइल से ही कर सकेंगे खेत की सिंचाईआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उर्वरक सिंचाई पद्धति के तौर पर मॉडल प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहे शिक्षक इंजीनियर आशुतोष का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को ऐसे तैयार किया गया है जिससे दूर बैठा किसान भी अपने मोबाइल के माध्यम से खेत की मॉनिटरिंग करता रहे.अगर खेत में पानी की आवश्यकता हो तो उसको मैसेज पहुंच जाएगा.जिसके बाद वह ऑटोमेटिक अपडेट करते हुए खेत का पानी ऑन कर देगा.इसी के साथ ही साथ खाद सहित अन्य प्रकार की आवश्यकता होगी. तो उसकी जानकारी भी किसान को मैसेज के माध्यम से मिल जाएगी.
विश्वविद्यालय से भी मिला है स्टार्टअप फंडसर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के इस मॉडल को विश्वविद्यालय स्टार्टअप विशेषज्ञ द्वारा भी पास किया गया है.साथ ही मॉडल पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ₹5000 का फंड और 2 माह का समय दिया गया है.अगर यह वास्तविकता में इस प्रकार कार्य करेगा तो विवि प्रशासन द्वारा छात्रों को और फंड उपलब्ध कराया जाएगा.
खेतों में लगाए जाएंगे सेंसरमॉडल को तैयार करने वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि खेतों में 15 से 16 ऐसे सेंसर लगाए जाएंगे जो कि जमीन की क्षमता के बारे में वेबसाइट को अपडेट करते रहेंगे कि खेत को कितने पानी और खाद की आवश्यकता है.जिसके बाद किसान वेबसाइट के माध्यम से उसको ऑन ऑफ भी कर सकते हैं.बताते चलें कि सर छोटू राम सिंह कॉलेज में संचालित एग्रीकल्चर के छात्र-छात्राओं द्वारा इसे मॉडल के रूप में ही तैयार किया गया है.इसमें कुछ काम होना बाकी है.ऐसे में अगर जिस तरीके से इस मॉडल के बारे में बताया जा रहा है.अगर इस डिवाइस को किसानों तक पहुंचा उपलब्ध कराने के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Artificial IntelligenceFIRST PUBLISHED : June 16, 2022, 22:25 IST



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