Mauni Amavasya 2025 Date: कब है मौनी अमावस्या? सिद्धि योग में होगा स्नान-दान, जानें तारीख, मुहूर्त और माघी अमावस्या का महत्व

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Mauni Amavasya 2025 Date: कब है मौनी अमावस्या? सिद्धि योग में होगा स्नान-दान, जानें तारीख, मुहूर्त और माघी अमावस्या का महत्व

Mauni Amavasya 2025 Date: नए साल में मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाएगी. मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या या माघ अमावस्या भी कहते हैं. मौनी अमावस्या के दिन तीर्थ स्थानों पर नदियों में स्नान करने और दान देने की मान्यता है. इस साल प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से लग रहा है, जहां मौनी अमावस्या पर तीसरा अमृत स्नान यानि तीसरा शाही स्नान भी होगा. मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद सूर्य देव और पितरों की पूजा करने का विधान है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस साल मौनी अमावस्या कब है? मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?

मौनी अमावस्या 2025 तारीखवैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या के लिए ​जरूरी माघ कृष्ण अमावस्या तिथि 28 जनवरी बुधवार को शाम 7 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन 29 जनवरी गुरुवार को शाम 6 बजकर 5 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या 29 जनवरी गुरुवार को है.

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सिद्धि योग में मौनी अमावस्या 2025इस बार मौनी अमावस्या के दिन सिद्धि योग बन रहा है. मौनी अमावस्या के प्रात:काल से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक सिद्धि योग बना रहेगा. उसके बाद से व्यतीपात योग बनेगा. सिद्धि योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता प्रदान करते हैं. इस योग में किए गए कार्य ​सफल ​सिद्ध होते हैं. पूजा पाठ, दान आदि का शुभ फल प्राप्त होता है.

मौनी अमावस्या को प्रात:काल से लेकर सुबह 8 बजकर 20 मिनट तक उत्तराषाढा नक्षत्र है, उसके बाद से श्रवण नक्षत्र प्रांरभ होगा. उस दिन मकर राशि का चंद्रमा है.

मौनी अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्तमौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त से ही प्रारंभ हो जाएगा. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात:काल 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा और सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. प्रयागराज में महाकुंभ मेले का तीसरा अमृत स्नान भी ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ हो जाएगा. उस दिन अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है.

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29 जनवरी को आप सिद्धि योग में मौनी अमावस्या का स्नान, दान, पूजा पाठ आदि कर लें. मौनी अमावस्या के दिन आप स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर पितरों के लिए तर्पण कर दें. उस दिन आप पितरों की तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध आदि करें.

मौनी अमावस्या का महत्वसनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत के समान होता है. इस दिन गंगा स्नान करने से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर लोग मौन व्रत भी रखते हैं.
Tags: Dharma Aastha, Magh Mela, Maha Kumbh Mela, ReligionFIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 09:51 IST

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