Kissa Cricket ka: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने एक बार हैरान करने वाला राज खोलते हुए कहा था कि साल 2004 की भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के ओपनर मैथ्यू हेडन ने उन्हें पंच ठोककर मुंह तोड़ने की धमकी दी थी. साल 2004 में ब्रिसबेन वनडे के दौरान ये घटना घटी थी, जब भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन विकेटकीपर पार्थिव पटेल मैदान में भारतीय बल्लेबाजों के लिए ड्रिंक्स लेकर जा रहे थे और उनका सामना ऑस्ट्रेलिया के ओपनर मैथ्यू हेडन से हो गया.
मैच के दौरान पार्थिव पटेल का मुंह तोड़ देते मैथ्यू हेडनहेडन पार्थिव को देखते ही आग बबूला हो गए थे और उन्हें खरी-खोटी सुना दी थी. हेडन वास्तव में पार्थिव द्वारा उनके साथ की गई बदसलूकी का जवाब दे रहे थे और इसी वजह से पार्थिव ने हेडन को पलटकर कोई जवाब नहीं दिया था. इस वाक्ये के बारे में बात करते हुए पार्थिव ने एक रेडियो चैनल को बताया कि, ‘मैं ब्रिसबेन में ड्रिंक्स लेकर जा रहा था, इस मैच में इरफान पठान ने उनका विकेट हासिल किया था. वो पहले ही शतक बना चुके थे और मैच काफी मुश्किल स्थिति में था तभी इरफान ने उनको आउट कर दिया. मैं उनके बगल से गुजर रहा था और मैंने उनके पास जाकर हू हू कहा था.’
इस हरकत ने किया था आग में घी का काम
हेडन के गुस्से के बारे में विस्तार से बताते हुए पार्थिव ने कहा, ‘वह मेरे उपर बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गए थे. वह ब्रिसबेन के ड्रेसिंग रूम में खड़े थे जो कि किसी सुरंग की तरह है. वह वहीं पर खड़े थे और मुझे कहा, अगर तुमने ऐसा एक बार और किया तो मैं तुम्हारे चेहरे पर जोरदार मुक्का मार दूंगा, मैंने उनको सॉरी कहा, वहीं खड़ा रहा और फिर चला गया.’ अपने उस झगड़े को पीछे छोड़कर आज पार्थिव और हेडन बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं. उनकी दोस्ती का क्रेडिट जाता है आईपीएल को जहाँ दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी वक्त गुजारा है.
इसके बाद दोस्त बन गए
दरअसल, पार्थिव और हेडन चैन्नई सुपर किंग्स के लिए एक साथ पारी की शुरूआत करते थे और यहीं दोनों की दोस्ती बहुत स्ट्रॉन्ग हो गई. हेडन के साथ अपनी दोस्ती का जिक्र करते हुए पार्थिव ने बताया कि ‘हां, बिल्कुल हेडन ब्रिसबेन में मुझे पीटना चाहते थे लेकिन हम इसके बाद दोस्त बन गए. हमने सीएसके के लिए साथ में काफी क्रिकेट खेला. हमें एक दूसरे के साथ खेलने में काफी मजा आया. उनके साथ पारी की शुरुआत करना वाकई मजेदार रहा. मैदान पर हमने काफी अच्छा वक्त बिताया. हमने ब्रिसबेन की घटना के बाद सुलह कर ली थी.’