मथुरा: यूपी के बृज में अक्षय नवमी का एक अपना अलग ही महत्व है. अक्षय नवमी के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की परिक्रमा लगाई और लाभ पुण्य कमाया. इतना ही नहीं इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है. आईए जानते हैं कि अक्षय नवमी के दिन परिक्रमा क्यों लगाई जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का क्या महत्व है.
अक्षय नवमी का है विशेष महत्व
बृज का कण-कण श्री कृष्ण की भक्ति से ओतप्रोत है. यहां कृष्ण ने अनेकों लीलाओं को किया. कृष्ण की लीलाओं का आज भी आपके दर्शन यहां देखने और सुनने को मिलेगा. मथुरा की पंचकोशीय परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन लगाई जाती है. इस परिक्रमा का क्या महत्व है और इस परिक्रमा को अक्षय नवमी के दिन ही क्यों लगाया जाता है, आईए जानते हैं.
मंदिर के मीडिया प्रभारी ने बताया
द्वारकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने अक्षय नवमी की मान्यता के बारे में जानकारी देते हुए लोकल18 से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अक्षय नवमी का पर्व मथुरा में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हजारों श्रद्धालु पंचकोशीय परिक्रमा करते हैं और लाभ पुण्य कमाते हैं. पंचकोशीय परिक्रमा अक्षय नवमी के दिन लगाने का एक अपना ही अलग महत्व है.
उन्होंने कहा कि आज के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी यानी अक्षय नवमी को भगवान विष्णु को आंवला व तुलसी बहुत प्रिय होती है. अक्षय नवमी पर आंवला पेड़ की पूजा का महत्व है. मान्यता है कि अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु व आंवला पूजन से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
हजारों लोगों ने कमाया पुण्य
परिक्रमा कर रही महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि अक्षय नवमी के दिन मथुरा की पंचकोशीय परिक्रमा लगाई जाती है. सभी लोग यहां पर कृष्ण की भक्ति में रमें हुए नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि अक्षय नवमी के दिन परिक्रमा लगाने से अक्षय की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख समृद्धि की भी वृद्धि होती है.
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