निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा का एक ऐसा गांव जिसे एक राक्षस के नाम से जाना जाता है. इस गांव की एक अपनी ही अलग कहानी है और अपना एक अलग ही मान्यताओं से उत्प्रेरित इतिहास है. इस गांव का नाम एक दैत्य के नाम पर क्यों रखा गया और क्या इतिहास है? इस गांव के नाम को दानव के नाम पर क्यों रखा गया? आइये जानते हैं संत देवीदास की जुबानी गांव की कहानी.
इस गांव से होती 84 कोस परिक्रमा की शुरुआतश्री कृष्ण जन्म स्थान से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है, गांव मधुवन महोली. मधुवन इस गांव का नाम किस राक्षस के नाम पर रखा गया और इस गांव का इतिहास क्या है? वह हम आपको बताने जा रहे हैं. मधुवन गांव स्थित बने राधा कृष्ण के मंदिर पर सेवायत पुजारी संत देवीदास महाराज से जब इस गांव की मान्यता और इस गांव के नाम के बारे में जानकारी की गई, तो उन्होंने लोकल18 को बहुत कुछ जानकारी देते हुए अपने अनुभव और यहां की मान्यता साझा की. उन्होंने बताया कि एक मधु नाम का व्यक्ति हुआ करता था, जो कि यहां राज करता था. सैकड़ों वर्ष पूर्व यहां जंगल हुआ करता था. मधु एक राक्षस का नाम था और वन वृक्षों की झाड़ियां को कहा जाता था.
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मधु नाम का राक्षस भगवान शिव की आराधना करता था. मधु नाम के दानव ने भगवान शंकर को अपनी भक्ति से प्रसन्न कर लिया और उनसे वरदान में उनका त्रिशूल मांग लिया. भगवान शंकर इतने भोले थे कि उन्होंने उसे अपना त्रिशूल वरदान में दे दिया. अत्याचार बढ़ने लगे तो यहां के लोग त्राहिमाम करने लगे. उन्होंने यह भी बताया कि मधु नाम का जो दैत्य था, वह पंडितों को परेशान करता था. पंडितों के हवन या सामाजिक कार्यक्रम में वह बैगन डालता था. यहां के ब्राह्मण समाज के लोग बहुत ही परेशान हो गए. इस गांव से होती 84 कोस परिक्रमा की शुरुआत.
12 वनों में से प्रथम वन मधुवन को कहा गया हैLocal18 को देवदास बाबा ने बताया कि यह मधु नाम का जो राक्षस है, उसी के नाम पर इस गांव का नाम मधुवन रखा गया है. उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने उसका वध किया था और यहीं से ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा का पहला पड़ाव शुरू होता है. 12 वनों में से यह प्रथम वन मधुवन को कहा गया है. यहां पर एक अपनी ही अलग मान्यता है. यहां अपना ही एक अलग इतिहास है.
Tags: Local18, Mathura news, Special Project, UP newsFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 22:42 IST