Last Updated:April 01, 2025, 16:31 ISTMathura Brahmotsav: मथुरा के श्री रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव में भगवान रंगनाथ और माता गोदा जी की सवारी पुष्पक विमान में निकाली गई. 24 कारीगरों ने इसे सजाया. भक्तों ने महाआरती की और रंगोली बनाई.X
Mathura Brahmotsavहाइलाइट्सभगवान रंगनाथ की पुष्पक विमान सवारी निकाली गई.24 कारीगरों ने पुष्पक विमान सजाया.भक्तों ने महाआरती और रंगोली बनाई.Mathura Brahmotsav: धार्मिक नगरी के प्रमुख श्री रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव में भगवान की सवारी को देशी और विदेशी फूलों से सजाए पुष्पक विमान में निकाला गया. इस पुष्पक विमान को वृंदावन और कोलकाता के 24 से ज्यादा कारीगरों ने 24 घंटे से ज्यादा मेहनत कर तैयार किया. पुष्पक विमान में विराजमान भगवान रंगनाथ और माता गोदा जी के दर्शन बहुत ही सुंदर थे. भगवान के वाहन पर की गई आकर्षक कलाकारी भक्तों को आनंदित कर रही थी.
लोक कल्याण की कामना को लेकर आयोजित वैदिक उत्सव के अंतिम दिवस उत्तर भारत में श्री रामानुज संप्रदाय के सबसे बड़े श्री रंगनाथ मंदिर के दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव का समापन हो गया. इस वैदिक उत्सव के अंतिम दिन, ठाकुर गोदा रंगनाथ भगवान देशी और विदेशी फूलों से सजे भव्य पुष्पक विमान पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने निकले. उनकी इस दिव्य छवि को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन भगवान की पुष्पक विमान की सवारी से पहले, मंदिर के पुजारियों ने वैदिक मंत्रों के बीच भगवान को पुष्प अर्पित किए और 12 तरह के भोग लगाए. रात करीब 10:30 बजे, जब भगवान की पुष्पक विमान पर सवारी मंदिर परिसर से निकलकर पश्चिम द्वार पर पहुंची, तो भक्तों ने उनके स्वागत के लिए फूलों से रंगोली बनाई थी. भगवान का वाहन 50 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी फूलों की रंगोली पर चलकर आगे बढ़ा, और भक्तों ने महाआरती की. पश्चिम द्वार पर ऐसा लगा जैसे भगवान बादलों के बीच से जा रहे हों. यहां राधारानी की ननिहाल मुखराई गांव से आए चरकुला कलाकारों ने चरकुला नृत्य कर भगवान की आराधना की.
ठाकुर जी की इस अलौकिक छवि को निहारने के लिए भक्तो का सैलाब उमड़ पड़ाभगवान की सवारी जब आगे बढ़ी तो रास्ते में भक्तों ने फूलों और रंगों से सुंदर रंगोली बना रखी थी. जगह-जगह महाआरती की गई. देर रात भगवान की छवि के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर थे. मंदिर परिसर से लेकर बड़े बगीचे तक श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे. मध्य रात्रि करीब 12:30 बजे भगवान की सवारी नगर भ्रमण करने के बाद मंदिर परिसर वापस पहुंची. वहां गरुड़ स्तंभ के पास मंडप में भगवान को विराजित कर वैदिक उत्सव के दौरान अज्ञानता से हुए अपराधों के लिए क्षमा मांगते हुए लोक कल्याण की कामना की गई. इसके बाद गरुड़ स्तंभ से ध्वजा उतारकर सवारी का समापन किया गया.
Location :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :April 01, 2025, 16:31 ISThomeuttar-pradeshMathura Brahmotsav: भगवान रंगनाथ की पुष्पक विमान सवारी निकाली गई