Last Updated:March 10, 2025, 22:26 ISTवाराणसी में हरिश्चंद्र घाट पर अघोरियों और नागा साधुओं ने 50 क्विंटल भस्म से अनोखी होली खेली. विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए. मान्यता है कि भगवान शिव अदृश्य रूप में होली खेलते हैं.X
मसाने की होलीहाइलाइट्सवाराणसी में 50 क्विंटल भस्म से अनोखी होली खेली गई.अघोरियों और नागा साधुओं ने हरिश्चंद्र घाट पर होली खेली.विदेशी पर्यटक भी इस अनोखी होली में शामिल हुए.वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में जलती चिताओं के बीच दुनिया की सबसे अनोखी होली खेली गई. इस होली में रंग-गुलाल के साथ 50 क्विंटल भस्म भी उड़ाया गया. गले में नरमुंड की माला और हाथों में भस्म लिए अघोरियों ने हरिश्चंद्र घाट पर जमकर होली खेली. नागा साधु भी इस अद्भुत मसाने की होली में झूमते नजर आए डमरू की डम-डम की आवाज और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष के बीच महाश्मशान में मृत्यु का शोक भी सोमवार को जश्न में बदल गया.किसी के गले में नरमुंड की मालाएं थीं, तो किसी के गले में सांप लिपटा था, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए. तांत्रिक और अघोरियों के अद्भुत नृत्य ने देशभर से आए पर्यटकों को खूब लुभाया. इस अनोखी होली में सड़क से लेकर हरिश्चंद्र घाट तक सिर्फ और सिर्फ भस्म ही नजर आ रहा था.
विदेशी भी हुए शामिलअघोरी, तांत्रिक, नागा और सन्यासियों के साथ विदेशी भी इस अनोखी होली में रंगे नजर आए. हर किसी ने मसाने की इस होली को अद्भुत और अद्वितीय बताया इंदौर से आई शिवानी ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसी होली नहीं देखी थी. वहीं, इस होली में विदेशी पर्यटकों ने भी जमकर भस्म उड़ाया.
धार्मिक मान्यतामान्यता है कि महाश्मशान में होने वाली इस होली में अदृश्य रूप में भगवान शिव स्वयं आते हैं और अपने गणों के साथ होली खेलते हैं. पूरे विश्व में केवल काशी ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां जलती चिताओं के बीच होली का ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.
कल मणिकर्णिका घाट पर उड़ेगा भस्महरिश्चंद्र घाट के बाद मंगलवार को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर भी चिता भस्म की होली खेली जाएगी. आयोजकों के अनुसार, इस बार 1100 चिताओं के भस्म से यह होली खेली जाएगी, जिसकी तैयारियां बीते छह महीने से चल रही हैं.
Location :Varanasi,Uttar PradeshFirst Published :March 10, 2025, 22:26 ISThomeuttar-pradeshगले में नरमुंड, हाथ में भस्म, काशी में जलती चिताओं के बीच खेली गई अनोखी होली!