हरदोई. पहाड़ों पर हुई बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी का असर दिखने लगा है. इसके चलते हरदोई (hardoi) के पाली क्षेत्र से गुजरी गर्रा नदी (garra river) जल स्तर बढ़ने से उफना गई है. तटवर्ती गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. ग्राम कहारकोला में पानी भर गया है. गांव के दो कच्चे मकान नदी में समा गए हैं, जबकि पांच मकान कटान की जद में हैं. गांव का पाली से संपर्क कट गया है और आवागमन प्रभावित है. लोग नाव किराये पर लेकर आ-जा रहे हैं. वहीं लोग अपना आशियाना खुद गिराकर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं.
पहाड़ों पर बारिश के बाद बांधों पर दबाव बना तो पानी नदियों में छोड़ा जाने लगा. तीन-चार दिन में नदियों में चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है. इसके कारण गंगा व रामगंगा समेत गर्रा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. पाली क्षेत्र में उफनाई गर्रा नदी अब खतरनाक हो गई है. इसके किनारे बसा गांव कहारकोला टापू बन गया है. लोगों से गांव से निकलकर मुख्य मार्ग या कस्बे तक आने के लिए कमर तक पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है. जहां पानी और गहरा है, वहां नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. यहां गांव के दृगपाल, रजनीश व इतवारी के कच्चे मकान का एक-एक कमरा कट कर नदी में समा चुका है, जबकि जदुराम, सुरेंद्र, गप्पू, मोहन व महिपाल आदि के मकान कटान की जद में हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी ही स्थिति वर्ष 2008 में बनी थीं. नदी के बढ़े जलस्तर ने काफी नुकसान किया था. कहारकोला गांव में बने लगभग 700 कच्चे व पक्के मकानों में रहने वाले लगभग दो हजार लोगों का पाली से सीधा संपर्क कट गया है. ग्रामीणों ने मिलकर नाव किराये पर ली है. इसी का सहारा ले रहे हैं. गर्रा नदी में उफान से कहारकोला के साथ ही पपरिया, कूड़ी, खेरिया, चंद्रमपुर, खजुआई, कपूरापुर, उमरिया, ख्वाजगीपुर, रंधीरपुर, बाबरपुर, अतरजी, लालुआपुर समेत दर्जनों गांवों के आसपास पानी पहुंच गया है. पानी भरने से कई जगह खेतों में खड़ी धान की फसल डूब गई है. वहीं गन्ना को भी नुकसान पहुंचा है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी भरने से लगभग दो हजार बीघा से अधिक फसल जलमग्न हो गई है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
Source link