नई दिल्ली: ब्राजील (Brazil) के खिलाफ इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल कर सुर्खियां बटोरने वाली भारतीय महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ी मनीषा कल्याण (Manisha Kalyan) ने कहा कि जो लोग लड़कों के साथ उनके फुटबॉल खेलने पर ताना मारते थे वे अब उनकी तारीफ करते है. एएफसी एशियन कप की तैयारियों के तहत भारतीय टीम ने चार देशों के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील का दौरा किया था.
स्कूल में लड़कों के साथ खेलती थीं फुटबॉल
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीषा कल्याण ने कहा, ‘जब मैं स्कूल में थी तो अपने गांव के लड़कों के साथ खेलती थी. एक-दो बार, मेरे माता-पिता से शिकायत भी कि गई थी कि मैं लड़कों के बीच खेलने वाली अकेली लड़की क्यों हूं.’
‘ताना देने वालों को किया इग्नोर’
पंजाब की होशियारपुर जिले की 20 साल की इस खिलाड़ी ने कहा, ‘शिकायत करने वालों ने कहा कि एक लड़की के लिए लड़कों के साथ खेलना अच्छा नहीं है लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. इसलिए मैंने उन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया.’
ब्राजील से लौटने के बाद बदली सोच
मनीषा ने कहा कि ब्राजील से लौटने के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, ‘गांव के कई लोग मेरे माता-पिता से मिलने आए और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मैंने सही (खेल को करियर के रूप में चुनकर) कदम उठाया है.’
रोनाल्डिन्हो और मेस्सी है पसंद
मनीषा ब्राजील की पूर्व दिग्गज रोनाल्डिन्हो की फैन है. उन्होंने कहा, ‘मेरे गाँव में मेरे दोस्त मुझे ‘डिन्हो’ कहते थे. जब मैंने पहली बार अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, तो उसका नाम ‘एमकेडी’ था जिसका मतलब मनीषा कल्याण डिन्हो था. मुझे (लियोनेल) मेस्सी का खेल पसंद है. वह शानदार तरीके से पास देते है और गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाते है.’
टीचर की सलाह पर चुना फुटबॉल
मनीषा को शुरुआत में एथलेटिक्स और बास्केटबॉल में दिलचस्पी थी लेकिन स्कूल के शारीरिक शिक्षा के अध्यापक की सलाह पर उन्होंने फुटबॉल में हाथ आजमाया. मनीषा ने कहा, ‘8वीं क्लास से पहले मैं बास्केटबॉल खेल रही थी, 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में हिस्सा ले रही थी. हमारे पीईटी शिक्षक एक फुटबॉलर थे और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं जिला फुटबॉल टीम में खेलना चाहती हूं.’
2019 में नेशनल कैंप से जुड़ीं
मनीषा कल्याण ने बताया, ‘उन्होंने मेरा ट्रायल लिया और मेरा सेलेक्शन हो गया. मुझे भी बहुत अच्छा लगा और कोच से कहा कि मैं सिर्फ फुटबॉल खेलूंगी तब मैंने स्कूल के बाद फुटबॉल की ट्रेनिंग शुरू की’ मनीषा ने कहा कि ब्राजील के खिलाफ गोल से उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है, हालांकि उन्हें अपने खेल के कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘जब से मैं 2019 में नेशनल कैंप से जुड़ी हूं.मैंने अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना शुरु किया.’