Malaika Arora’s fitness secret: कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिनकी फिटनेस प्रायोरिटी होती है. वे कितने भी व्यस्त हों, खुद को फिट रखने के लिए कुछ समय निकाल ही लेते हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं- फिल्म स्टार मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora). फैशन और सुंदरता के लिहाज से मलाइका (Malaika Arora) हमेशा ही लाइमलाइट का हिस्सा हैं. खास बात ये है कि 47 की उम्र में अपनी फिटनेस को लेकर चर्चा में बनी रहती हैं.
आपको बता दें कि फिटनेस आइकॉन मलाइका अरोड़ा (fitness icon malaika arora) खुद को फिट और एनर्जेटिक रखने के लिए योग की मदद लेती हैं. हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कुछ पोस्ट्स और तस्वीरें शेयर की थीं, जिनमें वह योगाभ्यास करते हुए नजर आई थीं.
बॉलीवुड एक्ट्रेस, मॉडल और डांसर मलाइका अरोड़ा ने हाल ही में एक ऐसे योगासन का अभ्यास किया जो ना केवल वेट लॉस के लिहाज से मददगार साबित हो सकता है बल्कि, यह बॉडी पॉश्चर को भी बेहतर बनाता है. इस योगासन का नाम है नटराज आसन (Natarajan posture) या नटराजासन. मलाइका अरोड़ा के अनुसार नटराजासन के अभ्यास से पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग होती है. ये आसान फोकस और एकाग्रता बढ़ाने में भी महारी मदद कर सकता है.
वजन कम करने में मददगार है नटराजनजो वेट लॉस के लिए योग अपनाते हैं उनके लिए नटराजासन एक अच्छा विकल्प है. इस योगासन के अभ्यास से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता (yoga to boost metabolism) है. आपको बता दें कि मेटाबॉलिक रेट (metabolic rate) हाई रहने से वजन कम करना आसान हो सकता है.
नटराजासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे (Benefits of practicing Natarajasana)
डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने में मददगार साबित हो सकता है.
पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, पेट की गैस, एसिडिटी आदि से आराम मिलता है.
बॉडी पॉश्चर बेहतर बनाने में भी ये आसन मदद कर सकता है
इसका नियमित अभ्यास शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी यानि लचीलापन बढ़ता है.
इसके अभ्यास से चेस्ट ओपनिंग बेहतर होती है, जिससे फेफड़ों पर बेहतर प्रभाव पड़ता है.
इस योगासन का अभ्यास हिप फ्लेक्सर्स को खोलने में सहायता कर सकता है.
नटराज आसन करने की सही विधि (Natarajasana Steps)किंग डांसर पोज मतलब नटराज आसन योग करने का सही तरीका नीचे बताया गया है.
सबसे पहले दोनों पैरों पर बराबर वजन डालकर योगा मैट पर खड़े हो जाएं.
इस दौरान सामने किसी एक बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित करें.
अब दायां घुटना मोड़ लें और शरीर के पीछे से दायें हाथ की मदद से इसका टखना पकड़ लें.
अभी तक दोनों घुटनों को बराबर रखें और शारीरिक संतुलन बनाने की कोशिश करें.
जब संतुलन बन जाए, तो दायें हाथ से पकड़े हुए ही दायां पैर जितना हो सके ऊपर की तरफ तानने की कोशिश करें, ध्यान रहे कि दायां कूल्हा मुड़ना नहीं चाहिए.
अब बायें हाथ की तर्जनी उंगली और अंगूठे को मिलाकर ज्ञान मुद्रा में लाएं और हाथ को सीने के सामने आगे की तरफ फैला लें और अब इस पर अपना ध्यान केंद्रित करें.
जितनी देर तक हो सके इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें.
अब बायें हाथ को नीचे की तरफ लाएं और दाहिना टखना छोड़कर दायां हाथ भी आराम की अवस्था में ले आएं.
धीरे-धीरे दायें पैर को नीचे जमीन पर लाएं.
थोड़ी देर आराम करके फिर बायें पैर के साथ इसी क्रम का अभ्यास करें.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नही है. यह सिर्फ आपको शिक्षित करने के लिए दी गई है.