गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल के 14 जिलों में मखाना की खेती को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है. गोरखपुर मंडल के देवरिया में पिछले साल से मखाना की खेती शुरू हो चुकी है, जबकि गोरखपुर, कुशीनगर और महाराजगंज जिलों को 33 हेक्टेयर में मखाना की खेती का लक्ष्य दिया गया है. इन जिलों की जलवायु मिथिला जैसी है, जो मखाना उत्पादन के लिए अनुकूल साबित हो सकती है.
गोरखपुर मंडल में कई ब्लॉक ऐसे हैं जहां बारिश का पानी खेतों में जमा रहता है, और ये इलाके मखाना की खेती के लिए आदर्श हैं. मखाना की खेती ऐसी जगहों के लिए अधिक उपयुक्त हैं, जहां खेतों में काफी पानी जमा रहता है. गोरखपुर मंडल में तालाबों की पर्याप्त संख्या है. साथ ही कई ब्लॉक ऐसे हैं जहां लो लैंड एरिया में बारिश का पानी खेतों में काफी समय तक भरा रहता है. सरकार की इस पहल के तहत अनुदान देने की व्यवस्था की है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा.
देवरिया में 5 एकड़ में हो रही खेतीदेवरिया जिले में मखाना की खेती का सफल प्रयोग इसी साल शुरू हुआ. देवरिया मखाना खेती की शुरुआत करने वाला पूर्वांचल का पहला जिला बन चुका है. इस साल देवरिया में करीब 5 हेक्टेयर रकबे में मखाना की फसल तैयार है . जबकि कुशीनगर जिले में 13 हेक्टेयर और गोरखपुर में 10 हेक्टेयर में मखाना की खेती का लक्ष्य रखा गया है.
मिलेगी 40 हजार रुपये की सब्सिडीसरकार प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये का अनुदान देगी, जिससे किसानों की 40% लागत की भरपाई हो सकेगी. मखाना की एक हेक्टेयर खेती में करीब एक लाख रुपये की लागत आती है, और 25-29 क्विंटल उत्पादन की उम्मीद होती है. पोषक तत्वों से भरपूर मखाना को एक सुपरफूड माना जा रहा है. इसके बढ़ते स्वास्थ्य लाभों के कारण कोरोना के बाद इसकी मांग में काफी वृद्धि हुई है.
Tags: Agriculture, Gorakhpur news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 18:35 IST