Make these changes in daily routine your memory will not get weaker with increasing age | अपने डेली रूटीन में कर लें ये बदलाव, ढलती उम्र में कमजोर नहीं पड़ेगी याददाश्त

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बढ़ती उम्र के साथ गतिविधियां और जिम्मेदारियों के बोझ से मुक्त होने के बजाय इसे बरकरार रखना अधिक बेहतर है. ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया है कि बुजुर्गों के लिए सक्रिय जीवनशैली उनके दिमागी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. शोधकर्ताओं ने बढ़ती उम्र के बुजुर्गों के दिमागी स्वास्थ्य पर शारीरिक और सामाजिक क्रियाकलापों के सुरक्षात्मक प्रभावों का अध्ययन किया.
शोध में शामिल 2,800 बुजुर्गों को 12 साल तक ट्रैक किया गया. अध्ययन में पाया गया कि शारीरिक रूप से सक्रिय बुजुर्गों के दिमाग में एंथॉरहाइनल कॉर्टेक्स नामक क्षेत्र मोटा रहता है. यह क्षेत्र नई चीजें सीखने और याद रखने के लिए जिम्मेदार होता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि शारीरिक व्यायाम दिमाग में खून के फ्लो को बढ़ाता है और नए न्यूरॉन्स के विकास को बढ़ावा देता है. यह अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है.शोध में यह भी पाया गया कि सामाजिक रूप से सक्रिय बुजुर्गों के दिमाग में एंथॉरहाइनल कॉर्टेक्स मोटा रहता है. सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने से बुजुर्गों का मनोबल बढ़ता है और तनाव कम होता है. यह दिमागी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि बुजुर्गों को अपने दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शारीरिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए.
क्या करें?- रोजाना कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें.- सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों, जैसे कि परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, समुदाय में भाग लेना या नए स्किल सीखना.- स्वस्थ आहार खाएं और नियमित रूप से जांच करवाएं.
इन उपायों से आप अपने दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और बढ़ती उम्र का आनंद उठा सकते हैं.



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