रिपोर्ट: अभिषेक जायसवालवाराणसी: धर्म-अध्यात्म के शहर बनारस में भक्त, भगवान और खिचड़ी का नाता सदियों पुराना है. शहर के गोदौलिया क्षेत्र में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां साल के 365 दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगता है. फिर इसी खिचड़ी को प्रसाद स्वरूप सैकड़ो भक्तों में बांटा जाता है. खास बात ये कि मकर संक्रांति यानि खिचड़ी पर्व पर पूरे दिन भक्तों में ये प्रसाद बांटा जाता है. ये मंदिर किसी और का नहीं, बल्कि खिचड़ी बाबा का है.दरअसल, मंदिर को लेकर मान्यता है कि काशी में माता अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से कोई भी भूखा नहीं सोता है. खिचड़ी बाबा का ये मंदिर इसी बात का महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां हर दिन भूखों को सुबह प्रसाद स्वरूप पेट भर खिचड़ी खिलाई जाती है. भक्त, भगवान और खिचड़ी का ये संबंध 350 सालों से भी अधिक पुराना है.जानिए क्या है खिचड़ी बाबा की कहानीमंदिर से जुड़े शंभू उपाध्याय ने बताया, खिचड़ी बाबा जब जीवित थे तो हर दिन खिचड़ी तैयार कर खुद भी ग्रहण करते थे और दूसरों को भी खिलाते थे. उनकी इसी सेवा भावना को उनके भक्त परंपरा के रूप में आज भी आगे बढ़ा रहे हैं. शंभू आगे बताते हैं कि पहले यहां कढ़ाई में खिचड़ी बनती थी, लेकिन बाद में ऑटोमेटिक मशीन के जरिए खिचड़ी पकाई जाने लगी. खिचड़ी बन जाने के बाद भक्तों में इसका वितरण किया जाता है. वहीं हर दिन चलने वाले इस अखंड भंडारे में भक्त भी दिल खोलकर दान करते हैं.खिचड़ी बांटने से पूरी होती है मनोकामनाभक्तों और दान करने वालो का ऐसा मानना है कि जो भी यहां बाबा को खिचड़ी चढ़ाकर भक्तों में बांटता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही वजह है कि यहां भंडारे के लिए हर दिन लोगों की कतार लगी होती है. दर्शन करने आईं प्रीति कुमारी ने बताया कि उन्होंने पहली बार यहां दर्शन किया और प्रसाद चखा, जिससे उन्हें अद्भुत अनुभूति हुई.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 14, 2023, 19:47 IST
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